छात्रा OMR शीट की कार्बन कॉपी ले गई थी घर:शीट जमा कराई, कार्बन कॉपी ले गई; सेंटर पर बुलाकर कराई जमा, वीक्षकों की चूक

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से रविवार को हुई नीट (यूजी) परीक्षा में बड़ी चूक सामने आई। झुंझुनूं शहर के पीरू सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित परीक्षा केंद्र पर एक छात्रा परीक्षा के बाद गलती से अपनी OMR शीट की कार्बन कॉपी भी अपने साथ ले गई। जबकि कार्बन कॉपी भी OMR शीट के साथ जमा करवानी था। केंद्राधीक्षक से जवाब मंगा गया। दो वीक्षकों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ। छात्रा ने बताया- मैंने सोचा कि एक कॉपी साथ ले जानी है और दूसरी जमा करवानी है। गलती से मैं इसे साथ ले गई। वीक्षकों की लापरवाही यह मामला पीरू सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र के कक्ष संख्या 3 का है। नंगली गांव की रहने वाली छात्रा मोनिका इस कमरे में नीट की परीक्षा दे रही थी। परीक्षा खत्म होने के बाद, उसने गलती से मूल गुलाबी रंग की OMR शीट तो जमा कर दी, लेकिन नीले रंग की कार्बन कॉपी अपने साथ ले गई। जबकि दोनों प्रतियों को जमा करना था। इन्हें अलग-अलग लिफाफों में सील किया जाना था। हालांकि, कक्ष में तैनात वीक्षकों की लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। गिनती में पकड़ में आई गलती, छात्रा की तलाश शुरू परीक्षा में वीक्षक के तौर पर नियुक्त डूमरा राउमावि के शिक्षक राजपाल फोगाट और नयासर राउमावि की शिक्षिका उर्मिला को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वे दोनों OMR शीट की प्रतियों को ठीक ढंग से अलग करें। उनकी गिनती करें और उन्हें सील करके केंद्राधीक्षक को सौंपें। लेकिन जब OMR शीट की गिनती की गई तो एक प्रति कम पाई गई, जिससे इस गड़बड़ी का पता चला। 20 किलोमीटर दूर से लौटी छात्रा, रात 9 बजे जमा हुई कॉपी जांच में यह सामने आया कि रोल नंबर 3918105053 की नीली कॉपी गायब है। इसके बाद केंद्र पर छात्रा की तलाश शुरू की गई। तब तक वह झुंझुनूं से रवाना हो चुकी थी। जब परिजनों से संपर्क साधा गया। छात्रा को वापस बुलवाया गया। लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय कर छात्रा रात 9:12 बजे नीली प्रति जमा कराने पहुंची। नोडल केंद्र पर देरी से पहुंची OMR शीट्स नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के नियमों के मुताबिक, परीक्षा समाप्त होने के एक घंटे के भीतर, यानी शाम 6 बजे तक, सभी OMR शीट्स को नोडल केंद्र पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय में जमा कराना अनिवार्य है। लेकिन इस लापरवाही के कारण पूरी प्रक्रिया में लगभग तीन घंटे की देरी हुई।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *