लुधियाना के जगराओं बस स्टैंड पर पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को गेट रैली की। इस दौरान कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यूनियन के राज्य सहायक सचिव जलौर सिंह गिल के अनुसार, आम आदमी पार्टी की सरकार तीन वर्षों से कच्चे कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। गिल ने बताया कि ठेकेदार कर्मचारियों के ईपीएफ, ईएसआई और वेतन से अवैध कटौती कर रहे हैं। एक ठेकेदार कर्मचारियों की सुरक्षा के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया। ठेकेदारी सिस्टम में रिश्वत लेकर अवैध भर्तियां की जा रही हैं। यूनियन ने 19 दिसंबर 2022 को प्रिंसिपल सचिव को भ्रष्टाचार की शिकायत दी थी। ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रही सरकार उन्होंने कहा कि, सरकार ने पिछले तीन साल में एक भी नई बस सेवा शुरू नहीं की है। विभाग सरकारी बसों के बजाय किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसों को तरजीह दे रहा है। एक किलोमीटर स्कीम वाली बस की लागत छह साल में एक करोड़ रुपए आती है, जबकि नई सरकारी बस की लागत मात्र 30 लाख रुपए है। दिल्ली से एयरपोर्ट तक के मार्ग पर भी निजी बसों को अनुचित प्राथमिकता दी जा रही है। यूनियन का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब का वादा किया था। लेकिन तीन सालों में मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने सिर्फ आश्वासन दिए हैं। कर्मचारियों को न तो पक्का किया गया और न ही ठेकेदारी सिस्टम को समाप्त किया गया। बसों की कमी के कारण जनता परेशान उन्होंने कहा कि, बसों की कमी के कारण जनता को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ रही है। अगर सरकार मांगें मान ले तो कर्मचारियों को रोज संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि ठेका प्रथा खत्म कर दी जाए तो विभाग को जीएसटी और कमीशन में करोड़ों की बचत हो सकती है। कर्मचारियों की अवैध कटौतियां और समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं। गिल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ठेकेदारी प्रथा बंद कर कर्मचारियों को नियमित नहीं किया, समान काम का समान वेतन लागू नहीं किया और नई बसें उपलब्ध नहीं करवाईं, तो 30 जून को डायरेक्टर, राज्य परिवहन पंजाब के मुख्य कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा।