जनसंख्या विस्फोट से गरीबी व बेरोजगारी बढ़ रही: प्राचार्य

भास्कर न्यूज | बालोद नगर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय में विश्व जनसंख्या दिवस पर संवाद कार्यक्रम हुआ। इसकी थीम निष्पक्ष एवं आशा भरे विश्व परिवार के निर्माण में सशक्त युवाओं की भूमिका को रेखांकित किया गया। प्राचार्य अरुण कुमार साहू ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या से पर्यावरण असंतुलन एवं संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। लोगों पर गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य, आर्थिक व्यवस्था का बोझ बढ़ता जा रहा है। कृतिका ने बताया कि हमारे देश में प्रति व्यक्ति जमीन,पानी,अन्न, दूध और वृक्ष के हिस्से में कमी आती जा रही है जिससे लोगों का भविष्य एवं उनके जीवन की गुणवत्ता में परिवर्तन होता जा रहा है। छात्र प्रतिनिधि डाली साहू ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के कारण जनसंख्या वृद्धि दर में बढ़ोतरी हुई है लेकिन आबादी के संतुलन को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना बेहद जरूरी है। छात्र सचिव डिंपल गांवरे ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण संसाधनों की कमी और जीवन स्तर में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जनसंख्या संतुलन के बिना विकास के अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। जनसंख्या वृद्धि से खाद्य की कमी बढ़ी अनीशा रात्रे बताया कि निरंतर जनसंख्या वृद्धि की चुनौती खाद्य की कमी, कुपोषण, प्रति व्यक्ति आय, गृह निर्माण, बाजार कीमत में वृद्धि, योजनाओं पर अधिक व्यय, अपराधों में वृद्धि और गंदगी के ढेर जैसी समस्याओं को खड़ी करेगी। छात्र प्रतिनिधि कालेश्वर ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के कारण हम बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। पूंजीगत साधनों की कमी एवं नौकरी के अभाव अभाव के कारण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। शामिल छात्र सूरज, पुष्प देव, हिमांशु ने भी विचार रखे।

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