जनसुनवाई:कलेक्ट्रेट में साप्ताहिक जनसुनवाई में कोई दो माह से तो कोई सालों से आ रहा, समाधान नहीं

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर हर गुरुवार को जिला कलेक्टर टीना डाबी की ओर से जनसुनवाई होती है। इसके लिए जिलेभर से फरियादी अपनी-अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते हैं ताकि समाधान हो। लेकिन हाल ये है कि फरियादी ज्ञापन देने के बाद उसकी समस्या सुनने की बजाय कांस्टेबल तत्काल उन्हें रवाना कर देते हैं और नए फरियादी का ज्ञापन थमा देते हैं। वहीं एक ही जवाब मिलता है कि मामले में जांच करवाकर कार्यवाही करेंगे। गुरुवार को भी बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई में पानी, बिजली, राजस्व से जुड़े मामले, अतिक्रमण, अवैध खनन सहित कई समस्याओं को लेकर फरियादी गांवों से बाड़मेर पहुंचे। कई फरियादी तो करीब 100-100 किमी. दूर से बसों से पहुंचे थे। लेकिन कुछ से तो सिर्फ ज्ञापन लेकर कार्रवाई का आश्वासन देकर रवाना कर दिया और उनकी अधिकारियों ने समस्या को सुना तक नहीं। विष्णु नगर निवासी रमेश कुमार 3 फीट लंबे पन्ने पर समस्या लेकर पहुंचा। इतने बड़े पन्ने पर ज्ञापन के बारे में पूछा तो बताया कि छोटे पन्नों पर कई बार ज्ञापन दिए, लेकिन अधिकारियों को इन पन्नों पर समस्या नजर ही नहीं आती है। इसलिए 3 फीट लंबे पन्ने पर समस्या लेकर पहुंचा। उसने बताया कि विष्णु नगर में कटान मार्ग है जो मुख्य बाजार से विश्नोई छात्रावास के पीछे से होकर गणेश स्कूल तक जाता है। 80 फीट चौड़े रास्ते पर लोगों ने पक्के मकान बना देने से 15 फीट रास्ता बचा है। अतिक्रमण हटाकर रास्ता खुलवाने की मांग की। इसके साथ ही उसने बताया कि विष्णु नगर में सीसी रोड स्वीकृत थी, लेकिन इस सड़क का निर्माण भी दूसरी गली में करके खानापूर्ति कर दी। जिप्सम निकालने के बाद वापस काश्तकारों के नाम करने की मांग को लेकर गांव ढूंढा, बांदरा के ग्रामीण जनसुनवाई पहुंचे। ग्रामीण ताराराम, सवाईलाल, निंबाराम, महेश कुमार, खेमचंद, जेताराम, आंबाराम, छगनलाल, माणकराम, प्रेमाराम सहित कई ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उनकी जमीन उन्हें वापस दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जमीन में जिप्सम के चलते एफसीएल कंपनी ने काश्तकारों से जमीन ली थी। बाड़मेर में विभिन्न जगहों पर कंपनी ने जमीन ली और जिप्सम निकालने के बाद उन्हें वापस लौटा दी। ऐसे में ढूंढा और बांदरा के ग्रामीणों को अभी तक यह जमीन नहीं लौटाई जा रही है। उन्होंने जिप्सम निकालने के बाद खाली जमीन को पुन: काश्तकारों को लौटाने की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से जनसुनवाई में मांग रखी जा रही है।

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