लखनऊ के राजाजीपुरम के रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल में जन औषधि केंद्र पर ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही है। मरीजों को केंद्र से महंगी और ब्रांडेड दवाओं की खुलेआम बिक्री की समाजसेवियों से मिली शिकायत पर मंगलवार को RLB अस्पताल की सीएमएस ने छापेमारी की। सीएमएस ने समाजसेवियों की मौजूदगी में देखा कि केंद्र पर काफी मात्रा में ब्रांडेड दवाएं हैं। इस बीच केंद्र पर बैठी महिला कर्मचारी ने खुद को मंत्री का करीबी बताकर छापा मारने वाली टीम को अर्दब में लेने की कोशिश की। जेनरिक दवाओं के लिए करते हैं जन औषधि केंद्र का रुख RLB अस्पताल में रोजाना ओपीडी में करीब 900-1000 मरीज तीमारदार संग इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें डॉक्टर ओपीडी में मरीज को देखकर पर्चे पर दवाएं लिखते हैं। अस्पताल के काउंटरों से निशुल्क दवा न मिलने पर कई दवाएं मरीज और तीमारदार परिसर में बने जन औषधि केंद्र पर लेते हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर जेनेरिक दवाएं 50 से 80 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं। इससे गरीब मरीजों को दवा लेने में असुविधा नहीं होती है। नेत्र रोगियों ने की थी शिकायत मरीज हरिकरन और योगिता बाजपेयी ने आरएलबी अस्पताल की ओपीडी में नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंख दिखवाई। डॉक्टर ने पर्चे पर कई दवाएं लिखीं। मरीज जब अस्पताल की फार्मेसी के काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें कुछ दवाएं न होने की जानकारी दी गई। जो दवाएं थीं, वह दे दी गईं। मरीज के तीमारदार अस्पताल परिसर में बने जन औषधि केंद्र के काउंटर पर पहुंचे। वहां पर जेनेरिक दवा न देकर ब्रांडेड नामी कंपनी की तीन दवाएं उन्हें काफी अधिक कीमत चुकाने पर मिलीं। मरीजों की शिकायत पर राजाजीपुरम वार्ड नंबर 79 के पार्षद प्रतिनिधि राजीव त्रिपाठी, ऐशबाग वार्ड के पार्षद संदीप शर्मा व अन्य समाजसेवी पहुंचे। उन्होंने अस्पताल की सीएमएस डॉ. नीलिमा सोनकर से शिकायत की। सभासद के साथ CMS अचानक पहुंची औषधि केंद्र जनप्रतिनिधियों और मरीजों की शिकायत पर पर्चा व दवाएं लेकर सीएमएस डॉ. नीलिमा सोनकर जन औषधि केंद्र पर मंगलवार दिन में छापा मारने पहुंचीं। साथ में जन प्रतिनिधि भी शामिल रहे। सीएमएस ने सभी के सामने देखा कि केंद्र के काउंटर, फ्रिज समेत कई जगह पर नामी कंपनी की ब्रांडेड दवाएं रखी हैं। तीमारदारों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। केंद्र पर बैठी महिला कर्मचारी ने छापा मारे जाने पर हंगामा शुरू कर दिया। यहां तक की खुद को वर्तमान सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का करीबी बताकर छापा मारने वालों को अर्दब में लेने की कोशिश की। सीएमएस ने केंद्र पर बैठी कर्मचारियों को फटकार भी लगाई, तब जाकर वह शांत हुईं।


