भास्कर एक्सक्लूसिव पिछले वित्तीय वर्ष में चास अंचल कार्यालय से अभी तक 8014 से अधिक आवेदन रद्द किए हैं। ये सभी आवेदन जमीन म्यूटेशन और ऑनलाइन लगान रसीद निर्गत करने के हैं। अब म्यूटेशन रद्द होने के बाद रैयत एलआरडीसी के पास ऑनलाइन अपील कर रहे हैं। लेकिन वहां भी काम नहीं हो रहा है। इससे आवेदक परेशान हैं। एलआरडीसी के यहां अपील करने के बाद भी आवेदकों को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। क्योंकि अपील केस का निष्पादन नहीं होने के कारण आवेदकों की जमीन का म्यूटेशन नहीं हो पा रहा है। अंचल कार्यालय की मानें, तो जमीन रजिस्ट्री के दौरान कागजात पर प्लॉट वार सही रकबा नहीं रहने के कारण ऐसे म्यूटेशन के आवेदनों को अपील में भेज दिया जाता है। इससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब नए नियम के अनुसार म्यूटेशन के आवेदन रिजेक्ट होने के बाद उन्हें इसके लिए डीसीएलआर के यहां ऑनलाइन अपील करनी पड़ रही है। अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही निबंधन कार्यालय से ही अंचलाधिकारी के लॉगइन में म्यूटेशन का आवेदन ऑनलाइन पहुंच जाता है। इसे देखते हुए उपायुक्त ने अवर निबंधन चास और बेरमो को निर्देश दिया है कि फ्लैट के निबंधन क्रम में दस्तावेजों में प्लॉट वार रकबा अंकित होना जरूरी है। इसे सुनिश्चित करेंगे, इसके बाद ही रजिस्ट्री करेंगे। साथ ही वैसे प्लॉट का निबंधन जिसमें प्लाट संख्या शून्य अंकित है, संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा सुधार के बाद रजिस्ट्री की कार्रवाई करेंगे। चास सीओ दिवाकर दुबे ने कहा कि रिजेक्ट म्यूटेशन की अपील एलआरडीसी के यहां करें। सबसे अधिक एनजीडीआरएस के मामले हो रहे रिजेक्ट जिले में अब जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस से अंचल कार्यालय को म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन भेजा जाता है। इसे एनजीडीआरएस कहा जाता है। अंचल कार्यालय में ऐसे आवेदन आने पर कई त्रुटियां मिलने के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसे देखते हुए उपायुक्त के निर्देश पर 18 फरवरी से 4 मार्च तक अंचलों में आयोजित राजस्व शिविर लगाया गया। इसमें 5050 आवेदन प्राप्त हुए थे। अपर समाहर्ता के अनुसार इसमें से 3554 से अधिक आवेदनों का निष्पादन किया गया है। इसके अलावा पिछले माह सभी अंचल कार्यालयों में शिविर लगाकर रिजेक्ट कुल 650 आवेदनों को पुन: जमा लिए गए हैं, ताकि उसका इंट्री कर एलआरडीसी के यहां अपील किया जा सके। जबकि कई लोगों ने बाहर कैफे या प्रज्ञा केंद्र से डीसीएलआर के यहां आवेदन किया है। अब एलआरडीसी के यहां से निष्पादन होने के बाद ही ऐसे आवेदकों की जमीन का म्यूटेशन हो सकेगा। डीसी ने म्यूटेशन के आवेदनों को रद्द करने का स्पष्ट कारण देने को कहा है। बेवजह किसी आवेदन को रद्द नहीं करने को कहा है। चास अंचल के 4731 आवेदन रिजेक्ट चास अंचल में जमीन का 4731 से अधिक म्यूटेशन के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। अब लोगों को अपनी जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए डीसीएलआर के यहां ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है। राज्य सरकार के वसुधा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के साइट से वित्तीय वर्ष 2024-25 के अब तक के रिजेक्ट आवेदन दिख रहा है। इसमें अधिकतर आवेदन को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया है कि मूल कागजात कार्यालय में प्रस्तुत करें। वहीं रजिस्ट्री ऑफिस से डायरेक्ट आए (एनजीडीआरएस) आवेदन को अंचल से रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। इसमें अधिकतर आवेदन को यह कहकर ऑनलाइन रिजेक्ट किया जा रहा कि राजस्व उपनिरीक्षक एवं अंचल निरीक्षक द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि एनजीडीआरएस द्वारा पूर्व में प्राप्त आवेदन नामांतरण वाद संख्या पहले अस्वीकृत हो चुका है। आवेदक के द्वारा पुन: आवेदन किया गया है। आवेदक पूर्व नामांतरण वाद नंबर के द्वारा भूमि उप समाहर्ता चास के न्यायालय में अपील करने पर आवेदन अस्वीकृत कर दी जाती है। कहा जाता है कि यह आदेश पूर्णता अपीलीय है। आदेश के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में अपील किया जा सकता है। इस तरह आवेदक परेशान हो रहे हैं।