भास्कर न्यूज | बालोद मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ परिसर दंतेवाड़ा में प्रांतीय तुलसी जयंती महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी थे। अध्यक्षता प्रतिष्ठान के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश देशमुख ने की। उन्होने कहा कि रामचरित मानस तुलसी की चेतना से जन्मा ऐसा महाकाव्य है, जो मनुष्य को उसके होने का बोध कराता है। राम और उनकी कथा आज भी प्रासंगिक है। पूर्व सांसद मोहन मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामें, राज्य महिला आयोग की सदस्य ओजस्वी भीमा मंडावी, नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता और सुनीता भास्कर, जिला पंचायत सदस्य कमला नाग, तुलिका वर्मा, सुलोचना कर्मा और सेवा निवृत्त शिक्षिका सुमित्रा सोरी विशिष्ट अतिथि रहे। प्रदेश महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने प्रतिष्ठान की योजनाओं और विकास यात्रा की जानकारी दी। आगामी वर्ष की मानस नौ रत्न अलंकरण विभूतियों की घोषणा की गई। साथ ही चयन समिति के नाम भी बताए गए। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान राम, तुलसीदास और मां दंतेश्वरी के छाया विग्रह पर दीप प्रज्ज्वलन, पूजा अर्चना, मानस वंदना से हुई। मानस मंडलियों ने दी संगीतमय प्रस्तुति: प्रांतीय तुलसी जयंती महोत्सव कार्यक्रम में श्रीराम मानस मंडली कबीर मठनादिया राजनांदगांव, गुरु गीता मानस मंडली नरहरपुर, श्रद्धा मानस मंडली किरंदुल और गौरी महिला मानस मंडली ने संगीतमय प्रस्तुति दी। हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश पूर्व सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि राम के जीवन से हम प्रेरणा ले सकते हैं, जो हमें निश्चित तौर पर सफलता देगी और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाएगी और वह है वचनबद्धता, रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। राम ने अपने पिता के दिए हुए वचन के लिए राजपाट त्याग दिया और वनवास पर चले गए। राम एक आदर्श भाई और पति थे। जब भरत ने उनका राजपाट संभाला तो उन्होंने कभी उनसे कोई द्वेष नहीं रखा बल्कि हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे। कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न रही हो, राम ने सदैव अपने जीवन में सत्य का साथ दिया। उन्होंने दूसरों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार किया। पूर्व सांसद ने बस्तर में हो रहे धर्मांतरण को विदेशी षड्यंत्र बताते हुए कहा कि यह आदिवासी और हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश है। कुछ लोग हेल्थ और एजुकेशन के नाम पर विदेशी सहायता प्राप्त करते हैं।