जयपुर की दीपाली गोयनका ने संभाली 18000 करोड़ की कंपनी:प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह में आए जाने-माने बिजनेसमैन, वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने की चौमूं-सीकर में पढ़ाई

जयपुर में आज (बुधवार) होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह में उद्योग जगत के कई बड़े चेहरे जयपुर पहुंचे हैं। इनमें तमाम ऐसे बिजनेसमैन हैं, जो राजस्थान की धरती से उठकर देश-दुनिया में छा गए। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, श्री सीमेंट के चेयरमैन हरि मोहन बांगड़, वेलस्पन लिविंग की सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर दीपाली गोयनका जैसे नाम इनमें शामिल हैं। सफलता के शिखर को छूना इनके लिए आसान नहीं था। इनकी राह में भी कई छोटी-बड़ी रुकावटें आईं, पर इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रवासी राजस्थानी दिवस के मुख्य सेशन में विचार रखने वाली चुनिंदा हस्तियों पर यह खास रिपोर्ट पढ़िए… बेटियों को देख दीपाली गोयनका की सोच बदली
दीपाली गोयनका का जीवन आसान नहीं था। उनकी शादी सिर्फ 18 साल की उम्र में हो गई थी। वर्ष 1987 में वे जयपुर से मुंबई शिफ्ट हो गईं। कई साल तक गृहिणी (हाउसवाइफ) रहीं। अपनी दो बेटियों की परवरिश में जुटी रहीं। 30 साल की उम्र में उनकी सोच बदली। कहा जाता है कि मारवाड़ी परिवार में लड़कों को अधिक महत्व दिया जाता है। दीपाली ने इस सोच को बदल डाला। उन्होंने अपनी बेटियों को देखकर ठाना- अगर मैं उनके लिए रास्ते नहीं खोलूंगी, अगर मैं ही उदाहरण नहीं बनूंगी, तो कौन बनेगा? यही सोच उनके लिए टर्निंग पॉइंट बनी। हार्वर्ड में पढ़ाई और वेलस्पन में नई शुरुआत
एक मैगजीन को दिए गए इंटरव्यू में दीपाली गोयनका ने कहा था- शादी जल्दी हो जाने के कारण पढ़ाई अधूरी रह गई थी। इसलिए उन्होंने क्रैश कोर्स के जरिए ग्रेजुएशन पूरा किया और बाद में हार्वर्ड में भी पढ़ाई की। वर्ष 2002 में जब उनकी बेटियां स्कूल जाने लगीं तो उन्होंने वेलस्पन इंडिया में कदम रखा। वही कंपनी जिसे उनके पति बीके गोयनका ने शुरू किया था। पहले दिन ही उनके पति ने कहा- अगर तुम्हें काम करना है, तो बाकी लोगों की तरह शुरुआत करनी होगी। दीपाली ने कंप्यूटर का काम सीखा। वेंडर्स से मिलना शुरू किया और धीरे-धीरे कंपनी के हर हिस्से को समझा। मेहनत, फोकस और आत्मविश्वास से उन्होंने अपनी पहचान बनाई और आज वे वेलस्पन लिविंग की सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वेलस्पन को ग्लोबल स्तर पर पहुंचाया
वेलस्पन आज होम टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स का भारत से सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। अमेरिका में इसका सबसे बड़ा मार्केट शेयर है। कंपनी 50 से ज्यादा देशों में काम करती है। दुनिया के बड़े रिटेल व हॉस्पिटैलिटी ब्रांड्स की पार्टनर है। दीपाली गोयनका ने तौलिए, बेडशीट और कारपेट से आगे बढ़कर फ्लोरिंग, एरिया रग्स, हार्ड फ्लोरिंग और वेट वाइप्स जैसे नए प्रोडक्ट भी लॉन्च किए। आज वेलस्पन के भारत में 11 हजार से ज्यादा स्टोर्स हैं। कंपनी का घरेलू बिजनेस लगातार बढ़ रहा है। दीपाली ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस और संयुक्त राष्ट्र के बायोडायवर्सिटी समिट में भारत का सपना और अपनी सोच मजबूती से पेश की है। बीके गोयनका ने शुरू किया था वेलस्पन ग्रुप
दीपाली गोयनका के पति बीके गोयनका का जन्म वर्ष 1966 में हिसार (हरियाणा) में हुआ था। उन्होंने 1985 में वेलस्पन ग्रुप की शुरुआत की, जो आज टेक्सटाइल, स्टील, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिन्युएबल एनर्जी, वेयरहाउसिंग और ऑयल-एंड-गैस जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है। कंपनी के बिजनेस 50 देशों में फैले हुए हैं। जयपुर की बेटी बनी दुनिया की पहचान
दीपाली गोयनका आज उस महिला की प्रतीक हैं, जो घर से निकलकर ग्लोबल स्तर तक पहचान बना सकती है। 18 साल में शादी, अधूरी पढ़ाई, दो बेटियां और फिर सिर्फ घर तक जिंदगी सीमित नहीं रखने का फैसला। इसी ने उन्हें दुनिया की सबसे सफल बिजनेसवुमन में जगह दिलाई। प्रवासी राजस्थानी दिवस में उनकी मौजूदगी राजस्थान के लिए गर्व का मौका है। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने घाटे में चल रही सरकारी मेटल कंपनियां खरीदीं
प्रवासी राजस्थानी दिवस में शामिल होने वालों में राजस्थानी मूल के वेदांता ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल भी हैं। मेटल किंग के नाम से मशहूर अग्रवाल के परिवार की जड़ें राजस्थान में रही हैं। उनके पिता कारोबार के सिलसिले में बिहार चले गए थे। इससे पहले परिवार कुछ समय तक राजस्थान में रहा था। अनिल अग्रवाल का जन्म पटना में हुआ, पर उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई जयपुर के चौमूं और सीकर में की। अनिल अग्रवाल बोले- ट्रेन गुजरती थी तो समय का पता चलता था
अनिल अग्रवाल बताते हैं कि उस समय उनके पास घड़ी तक नहीं हुआ करती थी। जब ट्रेन गुजरती थी, तभी पता चलता था कितने बजे हैं। घर में बाथरूम तक नहीं था। राजस्थान से बिहार, फिर मुंबई और उसके बाद लंदन तक का उनका सफर संघर्षों से भरा रहा, लेकिन माइनिंग और मेटल की दुनिया में उन्होंने बड़ी पहचान बनाई। घाटे में चल रही सरकारी मेटल कंपनियों को खरीदकर उन्होंने वेदांता का मजबूत आधार तैयार किया। प्रवासी राजस्थानी दिवस में उनकी मौजूदगी न सिर्फ उद्योग जगत, बल्कि राजस्थान से जुड़े युवाओं के लिए भी बड़ी प्रेरणा मानी जा रही है। अनिल अग्रवाल आज बिहार के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं। हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर
प्रवासी राजस्थानी दिवस में अनिल अग्रवाल के साथ उनकी बेटी प्रिया अग्रवाल हेब्बर भी शामिल होंगी। प्रिया हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा और भारत का एकमात्र इंटीग्रेटेड जिंक प्रोड्यूसर है। वह वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं। प्रिया अग्रवाल ने यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरिक (यूके) से साइकोलॉजी और बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया है। पर्यावरण, सस्टेनेबिलिटी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर उनका फोकस है। वेदांता में ESG ट्रांसफॉर्मेशन में वे अहम भूमिका निभा रही हैं। सामाजिक सरोकारों में प्रिया अग्रवाल का योगदान
सामाजिक सरोकारों में भी प्रिया अग्रवाल का योगदान काफी बड़ा है। उनके नेतृत्व में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने अब तक भारत में सामाजिक विकास के लिए करीब 240 मिलियन डॉलर (लगभग 2,000 करोड़ रुपए) निवेश किए हैं। अगले पांच साल में 600 मिलियन डॉलर (करीब 5,000 करोड़ रुपए) निवेश करने की घोषणा की है। देशभर में 4 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने वाला ‘नंद घर’ प्रोजेक्ट भी उनकी देखरेख में आगे बढ़ रहा है। यह प्रोजेक्ट बच्चों की शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और महिलाओं की सशक्तिकरण पर फोकस करता है। महाराष्ट्र की सबसे बड़ी एनिमल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की शुरुआत की थी
प्रिया अग्रवाल ने 2010 में YODA (Youth Organization in Defence of Animals) की शुरुआत की। यह महाराष्ट्र की सबसे बड़ी एनिमल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन है। हर महीने 3 हजार से ज्यादा घायल या बीमार जानवरों की मदद करती हैं। वह AAF के तहत देश की पहली आधुनिक एनिमल वेलफेयर पहल TACO – The Animal Care Organization भी चला रही हैं, जो वन्यजीवों, खासकर बाघों के संरक्षण और राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में काम कर रही है। नेटवर्थ की बात करें तो प्रिया अग्रवाल हेब्बर वेदांता ग्रुप की वारिस होने के कारण अनिल अग्रवाल परिवार की कुल 35,000 करोड़ रुपए की नेटवर्थ का हिस्सा हैं। वे देश के प्रभावशाली युवा बिजनेस लीडर्स में गिनी जाती हैं। मोतीलाल ओसवाल ने बनाई 40 हजार करोड़ की कंपनी
प्रवासी राजस्थानी दिवस के कार्यक्रम में मोतीलाल ओसवाल भी शामिल होंगे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ मोतीलाल ओसवाल मूल रूप से बाड़मेर जिले के पादरू गांव के रहने वाले हैं। जैन परिवार में पले-बढ़े मोतीलाल ने पढ़ाई पूरी करने के लिए कम उम्र में ही पारिवारिक व्यवसाय छोड़ दिया था और आगे की शिक्षा पर ध्यान दिया। उन्होंने वर्ष 1987 में साथी रामदेव अग्रवाल के साथ मिलकर मोतीलाल ओसवाल समूह की शुरुआत की। बिना किसी बड़ी पूंजी के शुरू हुई यह छोटी-सी सब-ब्रोकर फर्म आज देश की सबसे प्रतिष्ठित फाइनेंशियल सर्विस कंपनियों में गिनी जाती है। इसकी मार्केट वैल्यू 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। उनके नेतृत्व में कंपनी ने धीरे-धीरे दायरा बढ़ाया और आज वेल्थ मैनेजमेंट, एसेट मैनेजमेंट, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और होम फाइनेंस जैसे सात बड़े कारोबार संभाल रही है। मोतीलाल ओसवाल को भारत में इक्विटी मार्केट का बड़ा नाम माना जाता है। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने उनकी कंपनी पर केस स्टडी भी की है। जेके सीमेंट के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर माधव सिंघानिया
प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह में जेके सीमेंट के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर माधव सिंघानिया भी शामिल होंगे। माधव सिंघानिया सीमेंट किंग के नाम से मशहूर यदुपति सिंघानिया के भाई हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में सीमेंट उद्योग को मजबूती देने में यदुपति सिंघानिया का बड़ा योगदान माना जाता है। उनके निधन के बाद अब जेके सीमेंट की कमान उनकी मां सुशीला सिंघानिया संभाल रही हैं। सिंघानिया परिवार राजस्थान से गहरा जुड़ाव रखता है। यहीं से जेके सीमेंट की शुरुआत भी हुई थी। जेके सीमेंट कंपनी का सफर 1975 में निम्बाहेड़ा में ग्रे सीमेंट प्लांट से शुरू हुआ था। पिछले 45 साल में कंपनी ने लगातार विस्तार किया और आज ग्रे सीमेंट के क्षेत्र में करीब 25.26 मिलियन टन प्रति साल की क्षमता के साथ देश के टॉप निर्माताओं में शामिल है। व्हाइट सीमेंट में भी कंपनी की मजबूत पकड़ है। इसकी भारत में 1.12 मिलियन टन प्रति साल की क्षमता है। कंपनी के व्हाइट सीमेंट प्रोडक्ट 36 देशों में बेचे जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फुजैराह और अफ्रीका में इसकी सहायक कंपनियां काम कर रही हैं। — यह खबर भी पढ़िए… प्रवासी राजस्थान दिवस में पहुंचे दुनिया के टॉप बिजनेसमैन:1 लाख करोड़ के MOU साइन होंगे, जयपुर में सीएम भजनालाल ने किया उद्घाटन जयपुर में आज पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के कई बड़े बिजनेसमैन पहुंचे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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