जयपुर के गुनहगारों ने गुजरात में भी किए थे ब्लास्ट:राजस्थान में आतंकवादी हमले के लिए 6 ग्रुप, पढ़िए- उम्रकैद के पीछे की कहानी

जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी चार आतंकियों को मंगलवार को स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद सुनाई। इनमें सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद शामिल हैं। वहीं मंगलवार को ही तेलंगाना हाईकोर्ट ने 2013 में हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल सहित 5 आतंकियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। यासीन भटकल व उसके सहयोगी जयपुर बम ब्लास्ट केस में भी आरोपी हैं। जयपुर जिंदा बम मामले में कोर्ट ने 598 पेज का फैसला सुनाया। भास्कर ने एक्सपट्‌र्स से बात कर समझने की कोशिश की कि दोषियों को उम्रकैद ही क्यों सुनाई? फैसले में केस से जुड़ी कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आईं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… आतंकियों ने छह ग्रुप में बांट रखी थी जिम्मेदारी फैसले में लिखा है आतंकियों ने छह राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक में दहशत फैलाने के लिए अलग-अलग ग्रुप बना रखे थे। इन ग्रुपों को अलग-अलग जिम्मेदारी दे रखी थी। अमोनियम नाइट्रेट से बनाया बम 17 साल बाद भी मौजूद चांदपोल में राम मंदिर के सामने साइकिल पर मिला जिंदा बम अमोनियम नाइट्रेट से बनाया गया था। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमोनियम नाइट्रेट खुद विस्फोटक नहीं है। इसमें कुछ रसायन व सामग्री मिलाकर विस्फोटक तैयार होता है। बम स्क्वॉड ने मौके पर मिले जिंदा बम को सुरक्षित सीलबंद किया। इस तरह के बम को डिफ्यूज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इसका विस्फोटक नष्ट किया जाता है। इस बम के पांच-पांच ग्राम के सैंपल नमूने सील बंद किए गए। कोर्ट के फैसले के पेज नंबर 126 पर जिक्र है कि आज भी ये नमूने सीलबंद हैं। दिल्ली में बनाए गए बम, आतंकी बस से लाए कोर्ट के फैसले में लिखा है कि आतंकियों ने दिल्ली के बाटला हाउस के फ्लैट नंबर 108 एल 18 में 12 मई 2008 को बम बनाए। बम वॉल्वो बस से जयपुर लाए गए। वारदात को अंजाम देने में सभी अभियुक्तों की सहमति थी। आरोपियों ने इंडियन मुजाहिदीन के नाम से आतंकवादी गिरोह बनाया। आरोपी सिम्मी जैसे संगठन के सदस्य भी रहे। सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने बताया कि स्पेशल कोर्ट ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 307, 121ए/120बी व 153ए/120बी और धारा 4,5,6 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के साथ ही 13 व 18 विधि विरूद्ध क्रिया कलाप के तहत इन्हें दोषी माना। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसलिए कोर्ट ने भी इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट में 52 वकीलों ने की पैरवी सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने बताया कि आरोपी सरवर आजमी ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से 2004-8 में इलेक्ट्रीकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स में बी टेक कर रखा है। वह उज्जैन के आईसीसीएसए इंडिया लिमिटेड में सुपरवाईजर इंजीनियर के पद पर काम करता था। उसके परिवार का बैकग्राउंड भी सामान्य है। बावजूद 2024 में आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 52 वकीलों ने पैरवी की थी। जिनकी एक पेशी की फीस ही बहुत ज्यादा होती है। सरकारी वकील का कहना है कि यह किसी सामान्य व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 दिसंबर 2024 को सरवर को जमानत के दौरान जयपुर एटीएस में हाजिरी लगाने की बजाय यूपी के आजमगढ़ के अपने गृह पुलिस थाने में हाजिरी लगाने की अनुमति दी थी। जज ने एटीएस टीम की सराहना की स्पेशल कोर्ट के जज रमेश कुमार जोशी ने राजस्थान एटीएस के अधिकारियों के अनुसंधान को लेकर किए गए प्रयासों को भी सकारात्मक बताया। उन्होंने लिखा कि एडिशनल एसपी डॉ. हरिप्रसाद सोमानी ने चार्जशीट पेश की। सही तरीके से अनुसंधान किया। एटीएस आईजी हेमंत शर्मा ने केस की बेहतर मॉनिटरिंग की है। उनकी टीम ने जांच एजेंसी ने मेहनत के साथ आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं। इस टीम ने कोर्ट में 35 ऐसे गवाहों की पेशी कराई जिनकी उम्र 60 से 80 साल है। जयपुर के गुनहगारों को इन केस में फांसी की सजा 2008 में गुजरात के अहमदाबाद व सूरत में कई जगहों पर हुए बम ब्लास्ट व 29 जिंदा बम मिलने के मामलों में मोहम्मद सैफ व सैफुर्ररहमान को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों जयपुर बम ब्लास्ट के मामले में भी दोषी है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को 2013 में हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले में आतंकी यासीन भटकल सहित 5 साथियों को निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा है। यासीन भटकल व आतंकी असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्‌डी की जयपुर बम ब्लास्ट में भी भूमिका सामने आई थी। जयपुर ब्लास्ट में दर्ज हुए थे 8 मुकदमे 2008 में हुए जयपुर बम ब्लास्ट केस में 8 मुकदमे दर्ज हुए। इन मामलों में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें से 2 आरोपियों की दिल्ली में हुए बाटला एनकाउंटर में मौत हो गई। वहीं 8 आरोपी जेल में हैं। 5 आरोपी फरार चल रहे हैं। …. जयपुर बम ब्लास्ट में सजा से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… जयपुर धमाके-जिंदा बम केस में 4 आतंकवादियों को उम्रकैद:अफसोस की बजाय कोर्ट में हंसते रहे आतंकी; सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी चार आतंकियों को मंगलवार को स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। पूरी खबर पढ़िए…

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *