दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नव-निर्मित यशवंत कार्यालय का उद्घाटन और स्वामी विवेकानंद की 12 फीट ऊंची अष्टधातु प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की ओर से किया गया। इस विशेष अवसर पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का निर्माण करने वाले जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार महावीर भारती और मूर्तिकार निर्मला कुलहरी को मोहन भागवत ने प्रतिमा के सामने ही विशेष रूप से आमंत्रित कर उनकी कलाकृति की सराहना की। उन्होंने प्रतिमा की उर्जा, भाव और प्रस्तुति को अद्भुत बताया। उद्घाटन समारोह के पश्चात बाल भवन में आयोजित एक विशाल जनसभा में मूर्तिकार महावीर भारती और निर्मला कुलहरी को मंच पर बुलाकर ‘यशवंत केलकर स्मृति चिन्ह’ प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह क्षण दोनों कलाकारों के लिए गौरव और जयपुर की कला-संस्कृति के लिए अभूतपूर्व पहचान का प्रतीक बना। इस अवसर पर एबीवीपी और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सहित देशभर से आए अतिथि उपस्थित रहे। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मनसुख मांडविया, पीयूष गोयल, दिल्ली विधानसभा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा जैसी हस्तियों ने इस इवेंट को खास बनाया। प्रतिमा निर्माण में तीन माह की तपस्या मूर्तिकार महावीर भारती ने बताया कि इस 12 फीट ऊंची अष्टधातु प्रतिमा का निर्माण लगातार तीन माह की मेहनत और समर्पण से संभव हो सका। दिन-रात कार्य करके प्रतिमा को अंतिम रूप दिया गया और कार्यक्रम से मात्र दो दिन पहले इसे दिल्ली में स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि यह दिल्ली में स्वामी विवेकानंद जी की सबसे बड़ी प्रतिमा है।