जशपुर जिले का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित शासकीय एनईएस महाविद्यालय की हालत जर्जर हो गई है। सोमवार को महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय के भवन की छत से प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा अचानक गिर पड़ा। गनीमत रही कि घटना के समय क्लास में कोई छात्र मौजूद नहीं था। कॉलेज के प्राचार्य एआर बैरागी ने बताया कि इस घटना के बाद तत्काल प्रभाव से वाणिज्य विभाग को रूसा भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। महाविद्यालय का अधिकांश भवन अब पूरी तरह जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए रोजाना जोखिम बन गया है। करीब तीन साल पहले कॉलेज के तीन बड़े हॉल में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत कराई गई थी। लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि ये हॉल फिर से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ गए हैं। टीन की चादरों से बने छप्पर को बिना मजबूती के वापस रख दिया गया था। ये अब खिसक कर एक ढेर में बदल गए हैं। इन हॉलों में नियमित रूप से आर्ट्स और कॉमर्स की कक्षाएं चलती हैं। बारिश के दौरान छतों से पानी टपकता है और दीवारों से पानी रिसता है। इससे कक्षाएं संचालित करना कठिन हो गया है। किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। केवल वाणिज्य संकाय या मुख्य भवन ही नहीं, रूसा भवन और महाविद्यालय के पुस्तकालय की स्थिति भी तेजी से बिगड़ रही है। छात्रों को बैठने, पढ़ाई करने और संसाधनों का उपयोग करने में गंभीर परेशानियां हो रही हैं। दो बार जिला प्रशासन को लिखा जा चुका है पत्र प्राचार्य एआर बैरागी का कहना है कि इसे लेकर वे दो बार जिला प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उनका स्पष्ट कहना है कि कॉलेज प्रबंधन के पास भवन मरम्मत के लिए अलग से कोई फंड नहीं होता है, इसलिए वे पूरी तरह से प्रशासन पर निर्भर रहते हैं।