जशपुर में नशीली दवाओं की बिक्री पर सख्ती:एसएसपी ने मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई के दिए आदेश, साइबर क्राइम पर भी फोकस

जशपुर में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एसएसपी शशि मोहन सिंह ने शनिवार को क्राइम मीटिंग ली। इस मीटिंग में जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी, थाना-चौकी प्रभारी और रक्षित केंद्र प्रभारी मौजूद थे। एसएसपी ने बिना डॉक्टर की पर्ची के नशीली दवाएं बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों को डेंट्राइट और सुलेशन जैसे नशीले पदार्थ बेचने वाली दुकानों की पहचान कर कार्रवाई करने को कहा। गौ-तस्करी, गांजा व्यापार, सट्टा और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक के लिए थाना प्रभारियों को जिम्मेदार बनाया गया है। नशे के मामलों में एंड टू एंड जांच कर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर सेल के साथ तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया गया। थानों को निर्देश दिया गया कि साइबर अपराध की सूचना मिलते ही मुख्यालय को जानकारी भेजें। अवैध प्रवासियों की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1905 जारी किया गया है। महिला और बाल अपराधों में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एसएसपी ने कहा कि इन मामलों में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। एसएसपी ने पुलिसिंग में सुधार के निर्देश दिए थानों और चौकियों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए एसएसपी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। प्रत्येक थाना और चौकी में तय गश्त प्वाइंट निर्धारित कर रजिस्टर में नियमित एंट्री सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही स्टाफ की रोटेशनल ड्यूटी लगाकर आपसी तालमेल मजबूत करने और पैदल गश्त, कांबिंग ऑपरेशन व शाम की विजिबल पुलिसिंग अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। गश्त प्वाइंट तय हो, शिकायतकर्ता थाने से न लौटे निराश एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी शिकायतकर्ता को थाने से निराश नहीं लौटना चाहिए। हर शिकायत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यदि कोई शिकायत थाने में नहीं सुनी जाती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारी की होगी। राजपत्रित अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अपने क्षेत्र के थानों का औचक निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। बैठक में 2025 और उससे पहले के लंबित मामलों की समीक्षा की गई और इनका जल्द से जल्द समाधान करने को कहा गया। पुलिस मुख्यालय और IG कार्यालय से आए परिपत्रों के अनुपालन की स्थिति की भी जांच की गई और जिन मामलों में अनुपालन नहीं हुआ है, उनकी तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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