झारखंड हाईकोर्ट में कांके के कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया। दरअसल, सुनवाई के दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से याचिका दाखिल करके उन्हें इस मामले से अलग करने का आग्रह किया गया था। इस पर अदालत ने कहा कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुनवाई में देरी करने के लिए इस तरह का आवेदन दे रहे हैं। इसलिए उन पर जुर्माना लगाया जाता है। मालूम हो कि प्रार्थी भाजपा उम्मीदवार जीतू चरण राम की ओर से याचिका दाखिल की गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सुरेश बैठा से भाजपा प्रत्याशी जीतू चरण राम 968 वोट से हार गए थे। जीतू चरण राम ने अपनी याचिका में कांके विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के कई बूथों से मतों का पुनः सत्यापन व मतगणना कराने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि बहुत सारे बूथ ऐसे थे, जहां निर्धारित समय से पहले मतदान रोक दिया गया। यदि पूरे समय तक मतदान होता तो वह जीत जाते। बुढ़मू व खलारी के 16 बूथों का इवीएम मुरूपीड़ी में रात में रोक लिया गया था, जबकि 13 नवंबर को ही उसे पंडरा स्थित स्ट्रांग रूम में जमा हो जाना चाहिए था। पूर्व के सभी चुनावों और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के समय भी ईवीएम मतदान के बाद उसी दिन स्ट्रांग रूम में जमा किया गया था। 3940 पोस्टल बैलेट की गिनती में कोई पारदर्शिता नहीं थी। इसमें 500 वोट से उन्हें पीछे दिखाया गया है। बिना कारण सैकड़ों पोस्टल बैलेट रद्द कर दिए गए। यह सब एक साजिश के तहत किया गया। इसलिए सुरेश बैठा का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए।