जीएमसी मारपीट विवाद में यू टर्न, छात्र पलटे:​​​​​​​FIR के बाद कमेटी की बैठक में छात्र बोले- आपसी विवाद था, CCTV भी हटाया

गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) भोपाल के हाई-प्रोफाइल मारपीट विवाद में मंगलवार को आपसी विवाद बना दिया गया। 3-4 दिसंबर की रात कैंटीन के बाहर हुई हिंसा में एक छात्र का चेहरा रॉड लगने से फ्रैक्चर हुआ, पुलिस में FIR दर्ज हुई, एंटी रैगिंग कमेटी तक शिकायत पहुंची। जब बयान देने की बारी आई तो आरोपी और पीड़ित दोनों पक्षों के छात्रों ने अपनी बात से पलटी मार दी। सभी ने इसे आपसी विवाद बताया है। जबकि घटना का पूरा CCTV फुटेज मौजूद था। हैरानी की बात यह है कि यह फुटेज बाद में कुछ डॉक्टरों द्वारा हटवा दिया गया और अब प्रबंधन के चुनिंदा लोगों के पास ही सुरक्षित बताया जा रहा है। एंटी रैगिंग कमेटी ने दर्ज बयानों को रिपोर्ट में शामिल कर दिया है, जिसे अब राष्ट्रीय एंटी रैगिंग सेल, दिल्ली भेजा जाएगा। उधर, FIR वापस कराने की कोशिशें शुरू हो गईं हैं। बयान दर्ज होने से पहले ही बदल गई कहानी
एंटी रैगिंग कमेटी के सामने मंगलवार को जब आरोपी और पीड़ित दोनों पक्ष पहुंचे तो घटना रैगिंग और मारपीट से अचानक आपसी विवाद बन गई। पीड़ित स्टूडेंट्स ने कहा कि गुस्से में शिकायत कर दी थी और अब उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। वहीं, आरोपी छात्रों ने कहा कि वे लड़ाई में शामिल नहीं थे बल्कि बीच-बचाव करने पहुंचे थे। रिकॉर्डेड बयान में यह भी लिखा गया कि मामले को आपसी सुलह से समाप्त कर दिया गया है। इसके बाद कमेटी ने बयान रिपोर्ट में जोड़कर उसे एंटी रैगिंग सेल दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। CCTV फुटेज हटाया गया
पूरी वारदात सुधामृत कैंटीन के CCTV में दर्ज हुई थी। हमले, मारपीट और रॉड लगाने की घटना साफ दिखाई दे रही थी। लेकिन मंगलवार को यह सामने आया कि फुटेज को बाद में ‘कुछ डॉक्टरों द्वारा’ हटवा दिया गया है। वर्तमान में वीडियो केवल प्रबंधन के चुनिंदा अधिकारियों के पास सुरक्षित है। इसे लेकर आरोप हैं कि कॉलेज प्रशासन ने पहले इस मामले में सख्त कार्रवाई की, 15 स्टूडेंट्स को निलंबित किया गया और फिर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। जिससे छात्र निलंबन, कानूनी कार्रवाई और रैगिंग रिपोर्ट जैसी जटिलताओं से बच सकें। पुलिस जांच जारी
एमबीबीएस छात्र पारस मरैया ने FIR में मारपीट, गाली-गलौज और लोहे की रॉड से हमला करने की बात लिखवाई थी। पुलिस ने FIR के बाद मेडिकल (MLC) भी करा लिया और तत्पश्चात आरोपियों को नोटिस थमाने की प्रक्रिया शुरू की। इधर, कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने शिकायत में लिखे नामों वाले सभी सीनियर्स और जूनियर्स को नोटिस जारी किया था और बयान दर्ज करवाए। अब पुलिस और कमेटी दोनों की जांच समानांतर रूप से चल रही है। जांच आगे बढ़ने पर और तथ्य सामने आ सकते हैं, क्योंकि पुलिस को पीड़ित का प्रारंभिक बयान और मेडिकल साक्ष्य मिल चुके हैं। मामले में कोहेफिजा थाने के टीआई केजी शुक्ला ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी थी। सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही, एक घायल स्टूडेंट जिसका हमीदिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसकी आरएसओ रिपोर्ट मंगवाई गई। यदि, रिपोर्ट में फ्रेक्चर से जुड़ी बात सामने आती है तो आगे धाराएं बढ़ेंगी। जहां तक राजीनामा की बात है तो पुलिस अपनी तरफ से चालान पेश करेगी। इसके बाद की कार्रवाई कोर्ट में होगी। क्या थी पूरी घटना
घटना 4 दिसंबर की रात लगभग 1:15 बजे कैंटीन के बाहर हुई। सेकंड ईयर के डे-कॉलर छात्र पारस मरैया अपने सीनियर युगीन चौधरी और बैचमेट निधि तोमर के साथ वहां पहुंचा था। तभी बैचमेट पुष्पेंद्र सिंह ने हॉस्टलर्स को फोन कर मौके पर बुलाया। अजय ब्राह्मणे, शिवम महावर, देव रघुवंशी, विवेक मालवीय और अमन पांडे पहुंचते ही पारस से बहस करने लगे और गाली-गलौज की। विरोध करने पर सभी उस पर टूट पड़े। आरोप है कि अमन रॉड लेकर आया और पारस के सिर पर वार कर दिया। युगीन चौधरी ने बचाने की कोशिश की तो उस पर भी हमला किया गया। बीच-बचाव छात्रा निधि और छात्र तरुण ने किया। ये खबर भी पढ़ें… भोपाल GMC में रैगिंग विवाद गहराया भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में 4 दिसंबर की रात कैंटीन में मारपीट हुई थी। एंटी रैगिंग कमेटी ने शिकायत में दर्ज नामों वाले सभी सीनियर्स और बैचमेट्स को नोटिस जारी कर दिया है। वहीं, पुलिस ने MBBS छात्र पारस मरैया की FIR के बाद एमएलसी कराकर आरोपियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरी खबर पढ़ें

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