जीणमाता मंदिर विवाद में 2 अधिकारी एपीओ, 3 पुलिसकर्मी लाइन-हाजिर:बत्तीसी संघ के तलवार लेकर आने पर रोक; भक्तों के लिए फिर से खोले पट

प्रसिद्ध शक्तिपीठ जीणमाता मंदिर विवाद में एक पटवारी और एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी को APO करने के साथ ही 3 कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है। प्रशासन ने 50 मिनट चली बातचीत में मंदिर ट्रस्ट की सभी मांगें मान ली। अब बत्तीसी संघ को मंदिर में तलवार लेकर आने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही आगामी मेले से पहले बत्तीसी संघ और मंदिर ट्रस्ट के बीच बैठक होगी। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए फिर से मंदिर खोल दिया। दरअसल, जीणमाता मेले के दौरान बत्तीसी संघ से पुजारियों का विवाद हुआ था, जो मारपीट तक पहुंच गया। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों से मारपीट करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर शुक्रवार से मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान किया गया था। शुक्रवार सुबह से भक्तों को बिना दर्शन के लौटना पड़ रहा था। हालांकि, जीण भवानी के गर्भ गृह में नित्य पूजा जारी रही। धरनास्थल पर शेखावाटी के साधु-संत और पीठाधीश्वर पहुंचे थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो राजस्थान के सभी मठ-मंदिरों को बंद करा दिया जाएगा। मंदिर खोलने को लेकर 2 बयान आए सामने साधु-संतों ने दी थी सभी मंदिर बंद करने की चेतावनी
लोहागर्ल धाम के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज ने मंदिर के बाहर धरने पर बैठे पुजारियों और साधु-संतों के साथ ऐलान किया था कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, तब तक जीणमाता मंदिर बंद रहेगा। उन्होंने कहा था कि पुजारियों का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा और राजस्थान के सभी मठ-मंदिरों को बंद करा दिया जाएगा। धरने पर बुधगिरी मढ़ी के पीठाधीश्वर दिनेश गिरी महाराज, कल्याण धाम के महंत विष्णु शर्मा, मुक्तिनाथ महाराज व हिरणपुरी महाराज सहित अनेक साधु-संत, महंत और पीठाधीश्वर मौजूद थे। कल्याण धाम के महंत विष्णु शर्मा ने कहा था- भक्तों की भीड़ के झुंड में आए लोगों ने पुजारियों के साथ मारपीट की और मंदिर परिसर में तोड़फोड़ की। घटना के 8 दिन बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। जानिए कैसे शुरू हुआ था जीणमाता मंदिर विवाद ———- जीणमाता मंदिर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद, मारपीट के बाद लिया फैसला शक्तिपीठ जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकालीन बंद रहेगा। श्री जीणमाता मंदिर ट्रस्ट की ओर से गुरुवार को इसकी घोषणा की गई। इस दौरान जीण भवानी के गर्भ गृह में रोजाना होने वाली पूजा का जारी रहेगी। हालांकि भक्तों को दर्शन नहीं हो पाएंगे। पुजारी मंदिर में धरना भी देंगे। (पढ़ें पूरी खबर)

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