जुरेल के पिता बोले- ‘बेटा हर फॉर्मेट के लिए तैयार’:उम्मीद है कि लगातार मेहनत से वनडे टीम में भी जगह बना लेगा

भारतीय विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। उन्होंने 125 रन की पारी खेली। इस पारी के सहारे भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट पारी और 140 रन से जीता। ध्रुव के इस प्रदर्शन से उनके पिता नेमचंद बहुत खुश हैं, लेकिन लगातार टीम में शामिल होने के बावजूद कम मौके मिलने से थोड़े निराश हो जाते हैं। लेकिन, जब बात देश के लिए खेलने पर होती है, तो गर्व से दबंग आवाज पर कहते हैं- ‘परिवार के लिए यह गर्व का पल होता है, जब लोग मुझे ‘ध्रुव के पापा’ कहकर बुलाते हैं।’ एक सवाल पर नेमचंद भरोसे के साथ कहते हैं- ‘बेटा हर फॉर्मेट के लिए तैयार है। उम्मीद है कि लगातार मेहनत से वनडे टीम में भी अपनी जगह पक्की कर लेगा।’ ध्रुव को पहली बार वनडे टीम में जगह मिली है। वे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुने गए हैं। सवाल-जवाब फॉर्मेट में ध्रुव के पिता से बातचीत सवाल: ध्रुव लंबे समय से टेस्ट टीम में हैं, लेकिन प्लेइंग-11 में मौके कम मिले हैं। इसे कैसे देखते हैं? जवाब: देखिए, ध्रुव विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। उनसे पहले ऋषभ पंत अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। पंत बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। हम दोनों (मेरा और ध्रुव) का भी मानना है कि पहले से कोई अच्छा बल्लेबाज या विकेटकीपर खेल रहा है, तो उसी को मौका मिलेगा। यह मुझसे कई बार कह चुका है कि मौका मिलने पर वह खुद को साबित करेगा। क्रिकेट में यही होता है, जो अच्छा करेगा, उसी को आगे मौका मिलता है। ध्रुव भी अपनी बैटिंग और कीपिंग दोनों में अच्छा कर रहा है। वह टीम में बैकअप विकेटकीपर के तौर अपनी जगह बना चुका है। प्लेइंग इलेवन में मौका मिलता है तो हमें खुशी होती है। सवाल : क्या ध्रुव अपनी बारी का इंतजार ही करते रहेंगे या फिर टीम में कोई और रोल देखते हैं? जवाब: वे बैटर के रूप में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, यह सिलेक्टर्स पर निर्भर करता है कि वे टीम संयोजन और फॉर्मेट में फिट बैठते हैं या नहीं। सवाल: जुरेल रेड बॉल सेटअप में शामिल हो गए हैं। वाइट बॉल क्रिकेट को कैसे देखते हैं? जवाब: टेस्ट के लिए मेहनत करने के बाद वह टीम इंडिया की टेस्ट टीम में जगह बना चुके हैं। मेहनत जारी रखेंगे तो वाइट बॉल टीम में भी जगह पक्की कर लेंगे। सवाल: ध्रुव के इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने के बाद परिवार में कितना फर्क पड़ा है? जवाब: फर्क तो बस इतना है कि आज हमारा बेटा भारत की जर्सी पहनकर खेल रहा है। यही हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी है। बाकी परिवार में सब खुश हैं, सबको गर्व है। सवाल: क्या आसपास के लोगों का नजरिया बदला है? जवाब: किसी पिता के लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है कि उसकी पहचान उसके बेटे से जुड़ी हो? यह मेरे लिए सबसे बड़ी अचीवमेंट है। जब मैं ऑफिस जाता हूँ और भारत का मैच चल रहा होता है, और ध्रुव खेल रहे होते हैं, तो सभी खुश होते हैं, बधाई देते हैं और दुआएं भेजते हैं। कई बार तो लोग कहते हैं, देखो, ध्रुव के पापा आ गए। ________________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… भारत ने वेस्टइंडीज से 77 साल का हिसाब चुकता किया; ढाई दिन में जीता अहमदाबाद टेस्ट भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में वेस्टइंडीज को पारी और 140 रन से हरा दिया है। यह मुकाबला तीसरे दिन टी-ब्रेक से पहले ही खत्म हो गया। एक टेस्ट मैच में 450 ओवर का खेल मुमकिन होता है, लेकिन अहमदाबाद में खेला गया पहला टेस्ट 217.2 ओवर में ही समाप्त हो गया। पढ़ें पूरी खबर

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