नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ईआरसीपी को अटकाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताने वाले पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है। जूली ने पीएम की रैली में भीड़ जुटाने में सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए।
जूली ने कहा- प्रधानमंत्री होकर झूठ बोल रहे हैं कि कांग्रेस ने ईआरसीपी को अटकाया, जबकि ईआरसीपी को वसुंधरा राजे ने शुरू किया था और कांग्रेस की गहलोत सरकार ने इसको आगे बढ़ाने का काम किया था। ईआरसीपी को अटकाने का काम मोदीजी और केंद्र सरकार ने किया था। दो बार राजस्थान ने बीजेपी के 25-25 सांसद दिए, जल शक्ति मंत्री भी राजस्थान से रहे। लेकिन, इन लोगों ने कभी राजस्थान की सुध नहीं ली। आज ये झूठी वाहवाही लूट रहे हैं। एमओयू के कागज क्यों नहीं दिखाते जूली ने कहा- मुख्यमंत्री फरवरी में विधानसभा में कह रहे थे कि हमने ईआरसीपी पर मध्यप्रदेश के साथ एमओयू कर लिया, तो आज क्या किया? पहले वाला एमओयू के कागज दिखाए नहीं और आज वाला पता नहीं दिखाएंगे कि नहीं दिखाएंगे। ऐसी क्या कमजोरी है कि राजस्थान की जनता के सामने समझौते को नहीं लेकर आना चाह रहे? जूली बोले- सत्ता का जमकर दुरूपयोग, स्कूल बसों को जबरदस्ती लाए जूली ने कहा- पीएम मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए जमकर सत्ता का का दुरुपयोग किया गया। नरेगा के मजदूरों और ग्रामीणों को पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी जबरदस्ती दबाव बनाकर सभा में लाए। एसडीएम, तहसीलदार आर्डर निकाल कर जनता को भरकर लाए। बच्चों के एग्जाम चल रहे थे उन प्राइवेट स्कूलों की जबरदस्ती छुट्टी करवारकर उनकी बसों को सभा के लिए लाए। अपने दम पर रैली नहीं कर सकते तो पीएम को बुलाते ही नहीं जूली ने कहा- आरटीओ के जरिए उनको धमकाया गया है, कई जगह से हमारे यहां सूचना आई है। ऐसी स्थिति में आप मोदी की रैली नहीं कर सकते हो तो सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं? इनकी यह हालत है कि पीएम की रैली अपने दम पर नहीं करवा सकते। यदि अपने दम पर रैली नहीं करवा सकते तो मोदी को आप नहीं बुलाते, ऐसी क्या जरूरत थी। मोदी को माफी मांगनी चाहिए कि आपने राजस्थान की जनता से जो वादे किए थे वह समय पर पूरे नहीं किए। मोदी राज में बढ़ा गोमांस का निर्यात जूली ने कहा- पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल है, उन्होंने खुद जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। ये गौ माता का नाम लेते हैं, गोरक्षा के दावे करते हैं, लेकिन गोमांस का निर्यात पहले से ज्यादा हो गया है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, रोजगार कम हो गया है। किसान आज अपनी मांगों पर आंदोलनरत है। सर्दी के समय किसानों पर पानी की बौछारें डाल रहे हैं, आंसू गैस के लाठियां चला रहे हैं, आंसू गैस छोड़ रहे हैं। किसानों से किए वादे अब तक पूरे नहीं किए, हक मांगने वालों का दमन करने की सोच है। कॉमर्शियल बैंकों से लिया किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ किया? जूली ने कहा- इन्होंने राजस्थान में 12000 किसान सम्मन निधि देने की बात कही थी नहीं दिया। इन्होंने राजस्थान में हरियाणा के बराबर पेट्रोल डीजल की कीमतें करने की बात कही थी वह भी नहीं की। गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात की थी नहीं दिया। बाजरे की खरीद करने की घोषणा की थी नहीं की। इन्होंने नेशनलाइज्ड कमर्शियल बैंकों के कर्ज माफ करने की बात कही थी उसका क्या हुआ, उसकी बात भी कभी नहीं कही जबकि चुनावों में इस पर खूब बातें करते थे।