जेल में बंद कैदियों को काजू-बादाम पहुंचाता था:दुर्ग में VIP सुविधा के नाम परिजनों से पैसे लेता, नहीं देने पर प्रताड़ित करता; गिरफ्तार

दुर्ग जिले के केंद्रीय जेल में बंद कैदियों को VIP सुविधा देने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। आरोप है कि जेल में पदस्थ प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा परिजनों से पैसे लेकर कैदियों को जेल में काजू -बादाम, नशे की चीजें और अन्य सामान देता था। परिजनों ने दिवाकर के खिलाफ पद्मनाभपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना है कि जेल प्रहरी बिना डरे पैसे लेता था और नहीं देने पर कैदियों को प्रताड़ित करता था। इस मामले में जेल प्रशासन ने खुद उसे पुलिस से गिरफ्तार करवाया है। UPI और ऑनलाइन माध्यम से लेता था पैसे जानकारी के मुताबिक, दिवाकर सिंह पैकरा मूलत: जांजगीर-चांपा जिले का रहने वाला है। अभी वह दुर्ग के केंद्रीय जेल में जेल प्रहरी के पद पर कार्यरत था। प्राथमिक जांच में मामला सही पाये जाने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी दिवाकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दिवाकर यह अवैध वसूली खुलेआम करता था। वो बिना डरे कैदियों के परिजनों से UPI और ऑनलाइन के जरिए पैसा ले लेता था। वो परिजनों से सुविधा के मुताबिक रेट तय करके 500 से2000 हजार रुपए तक की रिश्वत लेता था। पांच आरोपियों ने पैसा देना स्वीकार किया पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि पूर्व के प्रकरण में पांच आरोपियों इसराइल कुमार, अजय दीवान, प्रतीक वासनिक, संजय वासनिक और लोकेश्वरी साहू को न्यायिक रिमांड में दुर्ग केंद्रीय जेल भेजा गया था। विवेचना के दौरान आरोपी प्रतीक वासनिक ने बताया कि उसने जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा को सामान मंगाने के नाम पर पैसे भिजवाए थे। प्रकरण में जेल प्रहरी का नाम आने पर जेल प्रशासन के सहयोग से दिवाकर सिंह पैकरा को पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसमें उसने बताया कि जेल में निरूद्ध बंदी संदीप वासनिक ने आरोपी प्रतीक वासनिक के माध्यम से इसे पैसा भिजवाया है। यह पैसा जेल में सामान पहुंचाने के एवज में दिया गया था। आरोपी के फोन पे पर रकम आना पाया गया है। मामले की जांच में जुटी पुलिस दिवाकर सिंह पैकरा के खिलाफ धारा 308(2), 308 (5), 111 (2) (ख), 3.5 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है। उन्होंने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसके खिलाफ अवैध वसूली के मामले को लेकर जांच की जा रही है।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *