जैसलमेर के पूनमनगर में सरकारी स्कूल का गेट गिरने से 1 छात्र की मौत हो गई। जबकि एक टीचर और 5 साल की बच्ची के भी चोटें आई है। टीचर को जवाहिर हॉस्पिटल रेफर किया गया है। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल का मैन एंट्री गेट गिरने से यह हादसा हुआ। इधर, उदयपुर में स्कूल के 3 कमरों का प्लास्टर गिर गया। 45 बच्चे बाल-बाल बच गए। अरबाज खान (7) पुत्र तालब खान की दो बहनें गर्ल्स स्कूल में पढ़ती है, वहीं अरबाज करीब 100 फीट की दूरी पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पहली क्लास में पढ़ता था। सोमवार को दोपहर करीब 1 बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह अपनी बहन को लेने आया था। इसी दौरान स्कूल का मैन गेट और पत्थर गिर गए। हादसे में अरबाज की मौत हो गई, जबकि प्रिया (5) पुत्री महेंद्र कुमार के भी चोटें आई है। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पूनमनगर में प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। ग्राम विकास अधिकारी सस्पेंड
इधर हादसे के बाद प्रशासन ने एक्शन लेते हुए ग्राम विकास अधिकारी (VDO) रामचंद्र मेघवाल को सस्पेंड कर दिया है। सम पंचायत समिति के BDO किशन सिंह ने बताया VDO को सस्पेंड किया गया है, क्योंकि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी वो मौके पर अनुपस्थित था। शव लेकर धरने पर बैठे परिजन-ग्रामीण
घटना को लेकर ग्रामीणों और परिजनों ने नाराजगी जताई और बच्चे के शव को लेकर स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजनों का आरोप है कि स्कूल का मैन गेट काफी समय से जर्जर हालत में था, फिर इसे ठीक क्यों नहीं करवाया गया। मुआवजे पर सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया। जानकारी के अनुसार, जहां पर हादसा हुआ है, वो जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी का पैतृक गांव है। घटना की जानकारी मिलने पर रामगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची। विधायक छोटू सिंह भाटी, तहसीलदार महावीर प्रसाद, एसडीएम सक्षम गोयल मौके पर और ग्रामीणों से बात की। विधायक ने कहा- पूरे मामले की जांच करवाएंगे और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। भांजे की मौत के सदमे से मामा हुए बेहोश
इधर, अरबाज के मामा शमशेर खान भांजे की मौत के सदमे से बेहोश हो गए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- स्कूल प्रशासन को इसका ध्यान रखना चाहिए था। इतना बोलते ही वो कैमरे के सामने ही बेहोश हो गए। वो जमीन पर गिरने ही वाले थे कि साथ में मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला। पत्थर को हाथों से रोकने की कोशिश की, लेकिन भारी था
घायल टीचर अशोक कुमार सोनी ने बताया- जैसे ही स्कूल की 1 बजे छुट्टी हुई, मैं गेट की तरफ बाहर आ रहा था। इस दौरान 15-20 बच्चे बाहर खड़े थे। वे अपने भाई-बहन का इंतजार कर रहे थे। मैंने देखा कि गेट के ऊपर वाला भारी पत्थर नीचे गिर रहा था। उन्होंने कहा- यह देखते ही मैं गेट की तरफ तेजी से भागा और पत्थर को हाथों से रोकने की कोशिश की, लेकिन पत्थर भारी होने के कारण रुक नहीं पाया। वो पत्थर मेरे ऊपर गिर गया, इसके बाद गेट भी गिर गया। एक बच्चा उसकी चपेट में आ गया। मेरी कोशिश से कुछ बच्चे बच गए, नहीं तो ज्यादा बच्चे चपेट में आ जाते। हादसे में मेरे सिर और पैर में चोट आई है। सिर में टांके आए हैं और पैर फ्रैक्चर हो गया है। गेट की जर्जर हालत के बारे में अधिकारियों को दे दी थी सूचना
स्कूल की प्रिंसिपल सुमन बाला ने बताया- मैं मार्च-2024 से इस स्कूल में कार्यरत हूं। हमने स्टाफ को गेट के पास खड़ा कर रखा था कि स्कूल के किसी भी बच्चे को गेट के पास नहीं जाने दें, लेकिन बाहर का ही कोई बच्चा आया और अचानक यह हादसा हो गया। प्रिंसिपल ने बताया- उस बच्चे को बचाने के चक्कर में स्टाफ भी चोटिल हो गया। टीचर अशोक कुमार सोनी (40) के पैर और सिर में चोटें आई है। उन्होंने कहा- गेट की इस जर्जर हालत के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। ग्रामीणों को बताया गया, सीबीईओ और पीईओ को भी जानकारी दी थी। स्कूल के करीब 12 कमरों में 2-3 जर्जर हालत में है। उन जर्जर कमरों को लॉक किया हुआ है। हादसे को लेकर बनाई जांच कमेटी
कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया- मौके पर हालात देखे तो गेट जर्जर हालत में था। हादसे को लेकर एक जांच कमेटी बनाई है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मृतक और घायलों के परिजनों को नियमानुसार जो भी मदद होगी, की जाएगी। उन्होंने बताया- सभी स्कूलों की सेफ्टी ऑडिट की जा रही है। इसके लिए जिला स्तर, उपखंड स्तर पर कमेटी बनाई जा चुकी है। सेफ्टी ऑडिट के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। कोरोना काल में हो गई थी पिता की मौत
अरबाज के पिता तालब खान की कोरोना काल के दौरान मौत हो गई थी। उसके 1 बड़ा भाई और 2 बहनें है। अरबाज का भाई रईस खान 9 साल का है। बड़ी बहन मधु इसी स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ती है और दूसरी बहन 7वीं कक्षा में पढ़ती है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जताई संवेदना रविंद्र भाटी बोले- शिक्षा मंत्री जी, यह हत्या है
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर के स्कूल में बच्चे की मौत को सिस्टम की ओर से की गई हत्या बताया है। भाटी ने वीडियो जारी कर कहा- शिक्षा मंत्री जी, अभी कुछ दिन पहले झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से मासूम बच्चों की मौत हुई। उनकी सिस्टम ने हत्या की और अभी उनकी चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि आज जैसलमेर में एक मासूम की इसी सिस्टम ने हत्या कर दी। एक शिक्षक के दोनों पैर चले गए। जब हम यह सुनते हैं तो एक बार तो दिल दहल जाता है। पांव कांपने लगते हैं। भाटी ने कहा- इसी तरह के हालात चलते रहे तो आप विचार करो, कौन सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजेगा। धीरे-धीरे इस सिस्टम में जनता का विश्वास खत्म हो जाएगा। यह बालक जिसकी मौत हुई है, वो हमारे बच्चे हैं, उन्हें न्याय मिलना चाहिए। अगर इस बच्चे को न्याय नहीं मिला तो, मैं यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लडूंगा। हादसे की तस्वीरें देखिए…. उदयपुर में स्कूल के 3 कमरों का प्लास्टर गिरा, 45 बच्चे बैठे थे
उदयपुर में वल्लभनगर के सरकारी स्कूल नया राजपुरा में सोमवार को 3 कमरों की छतों का प्लास्टर गिर गया। इस दौरान बच्चे क्लास में पढ़ रहे थे। उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया। तीनों क्लास में 45 बच्चे बैठे थे। इस स्कूल में कुल 77 बच्चे पढ़ते हैं। आज 64 बच्चे आए थे। गनीमत रही कि किसी स्टूडेंट्स को चोट नहीं आई। हालांकि लोगों ने स्कूल के ताला जड़ दिया। उदयपुर में 2 दिन में 3 सरकारी स्कूलों की दीवार ढहने और प्लास्टर गिरने के मामले सामने आ चुके हैं। (पूरी खबर पढ़ें) झालावाड़ के सरकारी स्कूल में हुई थी 7 बच्चों की मौत
25 जुलाई को झालावाड़ के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी, वहीं 9 गंभीर घायल हो गए थे। यहां सुबह से बारिश हो रही थी। प्रार्थना का समय हुआ तो सभी क्लास के बच्चों को स्कूल के ग्राउंड में इकट्ठा करने की बजाय कमरे में बैठा दिया, ताकि वे भीगे नहीं। इसके कुछ देर बाद कमरे की छत गिर गई और 35 बच्चे दब गए थे। ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मलबा हटाया और बच्चों को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। (पूरी खबर पढ़ें) ये खबरें भी पढ़ें… जिन पत्थरों में 7 मासूमों की चीखें दब गईं:हालात देखकर भास्कर रिपोर्टर भी नि:शब्द हो गया, देखिए VIDEO शिक्षामंत्रीजी! स्कूल कैसे बना श्मशान, 7 बच्चों का हत्यारा कौन?:बुलडोजर से मिटाए जानलेवा लापरवाही के सबूत, सरकारी सिस्टम के घड़ियाली आंसू 4 साल से जर्जर थी बिल्डिंग, किसी ने नहीं सुना:गांववालों से मांगे थे रुपए; अब 7 मौत, लेकिन जिम्मेदारी अब तक तय नहीं