मुरैना के जौरा कस्बे में नगर पालिका ने वार्ड नंबर-17 में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में एक 3 साल का बच्चा घायल हो गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने नगर पालिका परिषद में धरना दे दिया और कार्रवाई का विरोध करते हुए मुआवजे की मांग की है। नपा की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई बुधवार दोपहर 12 के लगभग की गई। जब जेसीबी से मकान तोड़ा जा रहा था, एक बच्चा शौचालय में बैठा हुआ था। थोड़ी सी चूक हो जाने पर बच्चे की जान भी जा सकती थी। दो दिन पहले मकान की नापी ली थी जानकारी के मुताबिक मुरैना कस्बे के वार्ड नंबर-17 में नाले के किनारे अतिक्रमण करते हुए कुछ लोगों ने मकान बना लिए थे। 2 दिन पहले नगर पालिका के कर्मचारियों ने जगह को नापते हुए मकान का कुछ हिस्सा अतिक्रमण में बताया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने अपने हिसाब से अपने मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। 3 साल का बच्चा घायल बुधवार को नगर पालिका के कर्मचारी जेसीबी लेकर मकान तोड़ने पहुंचे। लोगों ने सोचा कि जिस क्षेत्र में निशान लगाए हैं, उतना ही हिस्सा तोड़ा जाएगा, लेकिन नगर पालिका के कर्मचारियों ने निशान से आगे बढ़कर लोगों के मकान तोड़ दिए। इस दौरान एक व्यक्ति रामबरन ने जेसीबी को रोकने की कोशिश की, लेकिन नगर पालिका कर्मचारी नहीं माने और उन्होंने उसके शौचालय पर जेसीबी चला दी। जिस समय जेसीबी चलाई गई उस समय शौचालय में उनका 3 साल का नाती था। जेसीबी से तोड़ने पर एक ईंट बच्चों के सिर पर जा गिरी, जिससे बच्चा घायल हो गया। नगर पालिका में दिया धरना अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान जिन लोगों के घर तोड़े गए, वह सभी महिलाएं और पुरुष नगर पालिका परिषद में पहुंची और धरना दे दिया। उनका कहना था कि नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों ने मनमानी की है। जिस हिस्से में तुड़ाई की जाना थी, उससे कहीं अधिक आगे बढ़ते हुए तुड़ाई की गई है। इस कार्रवाई से लोगों के मकान टूट गए हैं तथा मकानों को नुकसान हुआ है। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष अखिल महेश्वरी ने बताया कि बच्चे को चोट लगने वाली बात झूठी है। वह कल शाम को हमारे पास आए थे, तब उसने हमसे कुछ नहीं कहा था। अगर जेसीबी से घायल होता तो अधिक चोट लगती। अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई चलती रहेगी।