झारखंड के एक व्यक्ति ने गुजरात के भरूच के झगडिया औद्योगिक क्षेत्र में 10 साल की बच्ची से दरिंदगी की। डालटनगंज के विश्रामपुर थाना क्षेत्र के लालगढ़ विहार निवासी विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर, CM हेमंत सोरेन के निर्देश पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह भरूच पहुंची और पीड़ित बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की। आरोपी 14 साल से भरूच में मजदूरी करता है। पत्नी और दो बच्चे पलामू में रहते हैं। वहीं, पीड़ित बच्ची बार-बार कह रही है कि पड़ोस में रहने वाले विजय ने पहले उसे पत्थर मारा, चाकू मारा, फिर गलत काम किया। पीड़िता के माता-पिता भी श्रमिक हैं। वो लोग भी पलामू के पांकी के रहने वाले हैं। वे जब शाम को काम से घर लौटे तो बच्ची के हाथ सुइयों और मेडिकल उपकरणों से बंधे हुए थे। उसे वडोदरा के एसएसजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने कहा- बच्ची के पेट व मुंह पर गंभीर जख्म है। स्थिति नाजुक है। आरोपी की मां है वार्ड सदस्य 30 वर्षीय आरोपी विजय विश्रामपुर थाना क्षेत्र के ललकीमाटी टोला का रहने वाला है। तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। उसकी मां जीतू देवी वार्ड नंबर 7 की सदस्य है। उन्होंने कहा-मेरा बेटा ऐसा नहीं कर सकता है। वो तो काफी पहले से वहां काम कर रहा है। हमारा उद्देश्य बच्ची को सही इलाज और सहायता मिले- दीपिका पांडेय सिंह वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अपने X हेंडल पर जानकारी दी कि गुजरात के भरूच में झारखंड के एक श्रमिक की बच्ची के साथ बेहद विभत्स घटना को अंजाम दिया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर मेरे साथ एडीजी सुमन गुप्ता जी (आईपीएस) और निदेशक समाज कल्याण किरण पासी जी (आईएएस) के साथ तीन सदस्यों की टीम ने पीड़ित बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्ची को सही इलाज और सहायता मिले। गुजरात सरकार से हमने मांग की है आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो और ये पूरा मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चला जाए। सरकार पीड़ित परिवार को हर संभव मदद पहुंचाए ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके। इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ भी बातचीत की गई है और गुजरात में काम करने वाले झारखंड के श्रमिकों और उनके परिवार की सुरक्षा की मांग भी सरकार के सामने रखी गई है। सात साल के करिअर में ऐसा केस नहीं देखा
इधर, भरूच में बच्ची का इलाज करने वाली डॉ. झील सेठ ने कहा-बच्ची की हालत देखकर मैं स्तब्ध हूं। बेसुध अवस्था में उसके साथ हैवानियत की गई। उसके गंभीर जख्म देखकर ‘निर्भया केस’ की याद आ गई। मैंने सात साल के अपने करिअर में ऐसा गंभीर केस नहीं देखा था। बच्ची की सेहत और इलाज का अपडेट थोड़े-थोड़े समय पर ले रही हूं।