झारखंड में बेमौसम बारिश का दोहरा असर:गर्मी से मिली राहत, लेकिन किसानों को नुकसान; आम और गेहूं की फसल प्रभावित

झारखंड में पिछले 4-5 दिनों से हो रही लागतार बारिश और ओलावृष्टि ने खेती पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। राज्य के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। आम लोगों को गर्मी से राहत मिली है, लेकिन किसानों के लिए यह बारिश चिंता का विषय बन गई है। फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों और खलिहानों में रखा गेहूं प्रभावित हुआ है। सब्जियों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। कोडरमा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार रॉय के अनुसार, आम की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इस साल आम की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि के कारण बड़ी संख्या में आम के टिकोले पेड़ों से गिर गए। हालांकि, अगर आगे ओलावृष्टि नहीं होती है तो यह बारिश आम की फसल के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। पेड़ों को पर्याप्त पानी मिलने से आम का आकार बड़ा होगा और स्वाद भी मीठा होगा। बेमौसम बरसात ने हमारी बढ़ा दी परेशानी:किसान इधर, किसान बीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस बेमौसम बरसात ने हल्की राहत के साथ ज्यादा परेशानी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि आम के टिकोले झड़ गए हैं। टमाटर के फूल झड़ गए हैं। बैगन का पत्ता जल गया है, जिससे बैगन खराब हो रहा है। वहीं, इस बारिश से मिर्ची, करेला व खीरा भी खराब हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे कई किसान हैं जिनको काफी नुकसान हुआ है। अब वे बारिश से हुए नुकासन को लेकर सरकार से मदद मांग रहे हैं। ऐसे करें बचाव:कृषि वैज्ञानिक वहीं, फसलों व सब्जियों को हुए नुकसान को लेकर कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि जो फसल खेतों में पड़े हुए हैं, उन्हें वहीं फैला दिया जाय ताकि उसमें आई नमी सूख जाए। इसके अलावे जो खड़ी फसल खासकर गेंहू है, उसे अभी न काटा जाय। उससे मॉइस्चर निकलने का इंतजार किया जाय, उसके बाद ही उसे काटा जाय। बाजारों पर दिखेगा असर बताते चलें कि जिस प्रकार से फसलें खासकर सब्जियां बर्बाद हुई हैं, इसका सीधा असर कहीं न कहीं बाजार पर भी पड़ने वाला है। सब्जियां महंगी हो सकती हैं। कुछ सब्जियां बाजार में नहीं आ पाए या पूरी तरह से ताजी व स्वस्थ सब्जियां भी न मिलने की आशंका जताई जा रही है।

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