झुंझुनूं में एमेजॉन-फ्लिपकार्ट फ्रेंचाइजी के नाम पर 7 करोड़ ठगे:30% कमीशन, दोगुने मुनाफे का झांसा दिया; प्रॉफिट लेने पहुंचे तो ऑफिस पर ताला लगा मिला

फ्लिपकार्ट और अमेजॉन की फ्रेंचाइजी के नाम पर दिल्ली की कंपनी ने 25 लोगों से 7 करोड़ रुपए की ठगी कर डाली। लोगों को प्रत्येक पार्सल पर 30% देने का लालच दिया और सिक्योरिटी के नाम पर रकम लेकर रफूचक्कर हो गए। जब 8 महीने में कोई मुनाफा नहीं आया तो सभी लोग आपस में संपर्क कर कंपनी के ऑफिस पहुंचे। यहां ताला लटका देख, ठगी का एहसास हुआ। मामला झुंझुनूं के बगड़ थाना इलाके का है। पीड़ितों ने 4 मार्च को इसमें FIR दर्ज करवाई थी। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शनिवार को सभी मिलकर एसपी ऑफिस पहुंचे। झुंझुनूं के बगड़ थाना इंचार्ज चंद्रभान चौधरी ने बताया- डलास ई-कॉमर्स इनफोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ सुनील कुमार समेत 5 लोगों ने FIR दर्ज कराई है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच सहायक उपनिरीक्षक श्रवणसिंह को सौंपी गई है। अब पढ़िए पीड़ितों की जुबानी पूरा मामला… 12 लाख रुपए जमा करवा दिए: सुनील कुमार ने बताया- पूरे झुंझुनूं में लगभग कंपनी ने 25 लोगों से 7 करोड़ की ठगी की है। फिलहाल 5 पीड़ित ही सामने आए हैं, जिनसे 42.50 लाख की ठगी है। इसमें मैंने 12 लाख रुपए बतौर सिक्योरिटी जमा करवाए थे। कंपनी ने अगस्त माह में इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क किया था। झुंझुनूं में नाथ जी के टीले के पास ऑफिस भी डाला था। इसमें बताया था कि कंपनी का कोरियर का काम है। इसके तहत कंपनी से जुड़ने वाले लोगों को अफसर सेटअप तैयार करके दिया जाएगा और एक बार ऑफिस सेटअप शुरू होने के बाद ऑफिस संभला दिया जाएगा। इससे पहले सिक्योरिटी की डिमांड की गई थी। 7 मार्च 2025 को गड़बड़ का शक हुआ। 10 मार्च तक जब रसीद या कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद जब कंपनी के मुख्य कार्यालय (ऑफिस नं. 132, फर्स्ट फ्लोर, बी. एस. कॉम्प्लेक्स, 120, मथुरा रोड, जसोला डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली-110076) पर गए तो वहां उन्हें ताला लगा मिला। इंस्टाग्राम पर मिला था विज्ञापन: पीड़ित मनोज सैनी ने बताया- इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन मिला था। इसमें फ्लिपकार्ट और अमेजॉन के पार्सल डिलीवरी पर 30 कमीशन मिलने की बात थी। लिंक खोला तो कंपनी के कर्मचारियों ने संपर्क किया। फ्रेंचाइजी लेने पर ऑफिस का किराया और अन्य खर्च कंपनी द्वारा वहन करने का झांसा दिया। मैंने 7.50 लाख रुपए निवेश कर दिए। कंपनी की वेबसाइट देखने और कर्मचारियों से बात करने पर यकीन हो गया कि भरोसेमंद ई-कॉमर्स डिलीवरी कंपनी है। निवेश करने के कुछ समय बाद कंपनी ने संपर्क करना बंद कर दिया। मार्च के दूसरे सप्ताह में निवेश पर रिटर्न मिलने की तारीख आई तो नंबर बंद मिले। इसके बाद ठगी का एहसास हुआ। ऑफिस खोलो, डिलीवरी करो: ​​​​​किसी से 7 लाख तो किसी से 22 लाख रुपए इन्वेस्ट कराए। सभी निवेशकों को एक ही तरह की स्कीम बताई। कहा- कंपनी के साथ मिलकर ऑफिस खोलो, डिलीवरी करो और बदले में कमीशन और अन्य सुविधाएं पाओ। अब कंपनी के सभी मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आ रहे हैं। ऑफिस बंद हैं। कोई भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं है। सोशल मीडिया, वेबसाइट, कॉल और वीडियो मीटिंग के माध्यम से संपर्क में आए ये कर्मचारी पूरी तरह गायब हैं। 5 निवेशकों ने 42 लाख से ज्यादा निवेश किए थे..

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