टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध, इंटरनेट-बाजार बंद:महापंचायत में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग, आंदोलन जारी रखने का ऐलान

हनुमानगढ़ के टिब्बी कस्बे में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में किसानों ने एसडीएम कार्यालय के सामने सभा की। कांग्रेस और माकपा सहित कई विपक्षी दलों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार शाम से टिब्बे कस्बे और आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद है। इसके साथ स्कूल और दुकानें भी बंद हैं। इस सभा में श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदौरा, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां, भादरा के पूर्व विधायक बलवान पूनियां, कांग्रेस नेता शबनम गोदारा, माकपा नेता मंगेज चौधरी सहित हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों के कई नेता शामिल हुए हैं। सांसद कुलदीप इंदौरा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस सरकार को जनता की भावनाओं को समझकर काम करने के लिए चुना गया था, वह उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने आशंका जताई कि फैक्ट्री बनने से इलाके में प्रदूषण बढ़ेगा, जबकि इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) का प्रदूषित पानी पहले से ही एक बड़ी समस्या है। इंदौरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि वह इस मामले को लोकसभा में उठाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बोलने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। सभा में अन्य नेताओं के संबोधन का सिलसिला जारी है। एथेनॉल फैक्ट्री टिब्बी से कुछ किलोमीटर दूर राठीखेड़ा के पास चक 4 आरके में निर्माणाधीन है। किसानों ने इस स्थल पर लंबे समय से धरना दे रखा था, लेकिन हाल ही में उन्हें धरनास्थल से हटा दिया गया। इसके तुरंत बाद फैक्ट्री की चारदीवारी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। निर्माण कार्य जारी रखने के लिए मौके पर सीमा गृह रक्षा दल की दो बटालियनें लगातार तैनात हैं। फैक्ट्री स्थल से किसानों का धरना हटने के बावजूद विरोध प्रदर्शन कम नहीं हुआ है, बल्कि यह और तेज हो गया है। किसानों ने 10 दिसंबर को महापंचायत का ऐलान करते हुए पूरे इलाके में जनसंपर्क अभियान चलाया था। कांग्रेस और माकपा सहित कई विपक्षी दलों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार शाम से टिब्बे कस्बे और आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। बुधवार सुबह से बाजार की दुकानें और निजी स्कूल बंद हैं। पूरा कस्बा छावनी में तब्दील हो गया है और कस्बे तक पहुंचने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है। विशेष रूप से ट्रैक्टरों पर आ रहे किसानों को रोका जा रहा है।

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