टीकमगढ़ में किसान की मौत, परिवार को 2 लाख सहायता:कलेक्टर बोले- प्रशासन ने बचाने के हर संभव प्रयास किए; खाद दी गई थी

टीकमगढ़ में यूरिया खाद लेने के लिए कतार में खड़े किसान जमुना कुशवाहा (52) की कार्डियक अटैक से मौत हो गई थी। यह घटना सोमवार दोपहर लगभग 12:45 बजे डबल लॉक खाद वितरण केंद्र बड़ौराघाट पर हुई। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने इस मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए बताया कि किसान की तबीयत बिगड़ने पर तत्काल उपचार की व्यवस्था की गई थी। वितरण केंद्र पर मौजूद नायब तहसीलदार कुंडेश्वर और दो पटवारी अपने सरकारी वाहन से किसान जमुना कुशवाहा को तत्काल जिला अस्पताल ले जाकर कर उन्हें भर्ती कराया गया था। जिला अस्पताल में डॉ. अजीत जैन (मेडिकल स्पेशलिस्ट) ने उनका टैस्ट किया। मरीज को घबराहट और उल्टी की शिकायत थी। पहली ईसीजी जांच में रिपोर्ट सामान्य आई थी। दोपहर करीब 2:30 बजे जब उन्हें दोबारा दिल में दर्द की शिकायत हुई, तो दोबारा ईसीजी कराई गई, जिसमें डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की पुष्टि की। ड्यूटी डॉक्टर ने तुरंत उपचार शुरू किया, लेकिन दोपहर करीब 3:30 बजे उनकी मौत हो गई। किसान के परिजनों को पटवारी ने फोन पर सूचना दी थी और वे करीब 15 मिनट में अस्पताल पहुंच गए थे। खाद लेने गए किसान की तबीयत बिगड़ी, इलाज के दौरान मौत कलेक्टर ने बताया कि घटना से एक दिन पहले, 7 दिसंबर को किसान जमुना कुशवाहा को टोकन के माध्यम से दो बोरी यूरिया और एक बोरी एनपीके खाद दी गई थी। 8 दिसंबर को वह बड़ौरा घाट स्थित नगद खाद विक्रय केंद्र पर खाद लेने गए थे, जहां उनकी तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। प्रशासन की ओर से मृतक के परिवार को अंत्येष्टि सहायता राशि के अलावा, कर्मकार मंडल कार्ड होने के कारण 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।

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