टीबी अस्पताल खुद बीमार…:भवन जर्जर, मरीजों के बैठने की भी व्यवस्था नहीं, डॉक्टर के लिए भी पूरी सुविधाएं नहीं

राजधानी के कालीबाड़ी स्थित सरकारी टीबी अस्पताल की स्थिति​ काफी दयनीय हो गई है। यहां न मरीज के बैठने के लिए कुर्सियां हैं, न ही डॉक्टर के लिए टेबल लगाई गई हैं। जिस भवन में बैठकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है वह भी काफी पुराना हो गया है। उसके बाद भी अब तक अस्पताल को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।
अस्पताल परिसर में ही 70 लाख की लागत से ट्रांजिट हॉस्टल बनाया गया है। इस भवन को ट्रेनी डॉक्टर व यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बनाया गया था। लेकिन ये वर्तमान में उपयोग में नहीं है। इसलिए अस्पताल को इस भवन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव 6 माह पहले भेजा गया था। प्रस्ताव पास भी हो चुका बावजूद इसके अब तक पुराने और जर्जर भवन में ही टीबी मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
डाक्टर के लिए टेबल नहीं : यहां मरीजों के बैठने के ​लिए कुर्सी तक नहीं है। डॉक्टर के रूम में भी टेबल नहीं लगी है। वे मरीज का इलाज ऐसे ही कर रहे हैं। कभी-कभी वे स्ट्रेचर को ही टेबल बनाकर मरीजों को देखते हैं। भवन के अलावा यहां उपचार के​ लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं दी गई है।
टीबी अस्पताल को शिफ्ट करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल को जल्द ​नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा।
डॉ मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ, रायपुर। ओपीडी में रोजाना 50 से ज्यादा मरीज
कालीबाड़ी स्थित इस अस्पताल में डॉक्टर के अलावा 20-25 स्टाफ काम करते हैं। यहां रोजाना मरीजों की ओपीडी 50 से ज्यादा की है। इसके अलावा रोजाना मरीज फॉलोअप के लिए, स्क्रीनिंग और दवाई लेने भी आते हैं। लेकिन अस्पताल में व्यवस्थाओं की कमी से मजबूरी में बरामदे व आसपास ही बैठे रहते हैं।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *