अंबिकापुर नगर निगम में 3.34 करोड़ रुपये के टेंडर को कैंसिल करने को लेकर कांग्रेस हमलावर हुई तो महापौर मंजूषा भगत बचाव में उतर गईं। महापौर ने कहा कि तकनीकी कारणों से टेंडर को कैंसिल किया गया है। यह नगर निगम आयुक्त का अधिकार है। टेंडर कैंसिल करने का कोई ठोस कारण महापौर नहीं बता सकी तो उन्होंने निगम में कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल की खामियां गिनाईं। दरअसल, नगर निगम अंबिकापुर में सड़कों की मरम्मत, नए सीसी सड़कों का निर्माण एवं नालियों के निर्माण के लिए निविदा बुलाई गई थी। इन निविदाओं को जमा करने की अंतिम तिथि 23 जुलाई को निरस्त कर दिया। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर आरोपों की झड़ी लगा दी। कांग्रेस ने एक सप्ताह में सड़कों का सुधार नहीं होने और व्यवस्था नहीं सुधरने पर आंदोलन की चेतावनी दी। महापौर ने कहा- 13 करोड़ की निविदा प्रक्रिया में
टेंडर निरस्त करने का कोई ठोस कारण महापौर मंजूषा भगत नहीं बता सकीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि टेंडर पुराने SOR-2024 पर जारी कर दिया गया था। तकनीकी कारणों से टेंडर निरस्त किया गया है, जिसपर कांग्रेस आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य घटिया हो रहे थे। इसलिए सुधार जरूरी है। महापौर ने बताया कि नगर पालिका निगम के आंतरिक क्षेत्रों में सड़क डामरीकरण, नाली एवं अन्य विकास कार्य के लिए 13 करोड़ की ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया में है। वर्तमान वर्षा काल में डब्ल्यूएमएम, मलबा एवं अन्य फिलिंग मटेरियल से लगभग 20 लाख का कार्य कर लिया गया है एवं कार्य सतत चालू है। वर्षा काल के तुरंत बाद अति वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों का डामरीकरण-पैच वर्क 5 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा। बारिश के बाद शुरू होगा फोरलेन का काम
महापौर ने बताया कि शहर के प्रवेश के 5 मुख्य सड़कों गांधी चौक से रेलवे स्टेशन रोड, अग्रसेन चौक से लुचकी घाट तक, लरंगसाय चौक से रामानुजगंज मार्ग, अम्बेडकर चौक से वाराणसी मार्ग एवं बिलासपुर चौक से बिलासपुर मार्ग एनएच तक फोर लेन का काम स्वीकृत है और निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा। पिछले लगभग 6 माह में सड़क, नाली अन्य विकास कार्य हेतु शासन से 70.40 करोड़ रुपए निगम को मिले हैं। कांग्रेस शासनकाल में शहर की दुर्दशा
महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में नगर पालिक निगम, अम्बिकापुर को पहली बार राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त हुआ। पूर्व के समय वर्ष 2022 में हम लोग स्वच्छता के क्षेत्र में 5 स्टार से लुढ़ककर 3 स्टार में आ गये थे। पूर्व में कांग्रेस शासनकाल में अनियमित, अवैध बसाहट के कारण शहर के अनेकों स्थानों पर जल भराव हो रहा है। दिल्ली में कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शहरी राज्य मंत्री तोखन साहू को शहर के 43 स्थानों में नाला निर्माण हेतु 42.61 करोड़ का प्रस्ताव सौंपा गया है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान एमआईसी सदस्य मनीष सिंह, जितेन्द्र सोनी, श्वेता गुप्ता, प्रियंका गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।