ILT20 का चौथा सीजन UAE में खेला जा रहा है। आज डेजर्ट वाइपर्स और अबू धाबी नाइट राइडर्स का मुकाबला खेला जाना है। इससे पहले डेजर्ट वाइपर्स के कोच टॉम मूडी ने कहा कि लीग ने पिछले तीन साल में लोकल खिलाड़ियों को निखारने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा, पिच को लेकर ज्यादा विवाद हो रहा है तो टॉस खत्म कर देना चाहिए। मेहमान टीम का कप्तान खुद तय करे कि पहले बल्लेबाजी करनी है या गेंदबाजी। भास्कर से बातचीत में मूडी ने इसके अलावा UAE की पिचों, टेस्ट क्रिकेट की स्थिति और टी-20 वर्ल्ड कप की दावेदार टीमों पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि ILT20 का लेवल लगातार बढ़ रहा है और यह इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ लोकल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका दे रहा है। पढ़ें पूरी इंटरव्यू… सवाल: ILT20 लीग आपके लिए खास क्यों है?
टॉम मूडी: मेरे लिए इस लीग की सबसे खास बात है कि यहां के खिलाड़ी लगातार बेहतर हो रहे हैं। पिछले तीन सीजन में लोकल खिलाड़ियों ने बहुत तेजी से तरक्की की है। दुनिया की दूसरी लीग, जैसे IPL में भी ऐसा ही होता है, जब घरेलू खिलाड़ी इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं, तो वे और मजबूत बनते हैं। सवाल: यह दुनिया की एकमात्र लीग है, जहां एक मैच में नौ विदेशी खिलाड़ी खेलते हैं। क्या इससे दुनिया भर के खिलाड़ियों को अपनी स्किल दिखाने का मौका मिलता है?
टॉम मूडी: इस साल नियम बदले हैं। अब हर टीम में प्लेइंग-11 में दो UAE खिलाड़ी और एक एसोसिएट खिलाड़ी जरूरी हैं। बाकी सब विदेशी खिलाड़ी होते हैं, साथ ही इम्पैक्ट भी विदेशी हो सकता है। इससे लोकल और एसोसिएट खिलाड़ियों को धीरे-धीरे और ज्यादा मौके मिल रहे हैं, और यही इस टूर्नामेंट का सबसे बड़ा मकसद है। सवाल: अपनी टीम के तीन खिलाड़ियों के नाम बताइए जिन पर दुनिया भर के फैंस की नजर रहनी चाहिए?
टॉम मूडी: मैं किसी एक-दो खिलाड़ियों को अलग करके बताना पसंद नहीं करता, क्योंकि यह बाकी खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा। पूरा स्क्वॉड मजबूत है। लेकिन अगर एक नाम लेना हो, तो मैं खुजैमा तनवीर (UAE खिलाड़ी) को कहूंगा। उन्होंने पिछले सीजन में भी अच्छा खेला था और फ्यूचर में UAE क्रिकेट को आगे ले जा सकते हैं। सवाल: UAE की पिचों पर 150 का स्कोर भी काफी होता है। क्या ऐसी पिचें टी-20 को और मजेदार बनाती हैं?
टॉम मूडी: हां, मुझे अलग तरह की पिचें पसंद हैं। इससे खेल में रोमांच रहता है और खिलाड़ियों व कप्तानों की स्ट्रैटजी की भी परीक्षा होती है। अगर हर पिच 220 रन वाली हो जाए तो खेल थोड़ा एक जैसा लगने लगता है। 150–160 वाली टक्कर की गेम भी उतनी ही मजेदार होती हैं। स्पिन, स्विंग और अलग-अलग चुनौतियां खेल को और दिलचस्प बनाती हैं। सवाल: आजकल टेस्ट मैच दो-तीन दिनों में खत्म हो जाते हैं। एक पिच को दो दिन में खत्म होने पर खराब कहा जाता है और दूसरी को अच्छा। इस पर आपका क्या कहना है?
टॉम मूडी: अगर आप ऑस्ट्रेलिया के पर्थ टेस्ट की पहली पिच की बात कर रहे हैं, तो मैं वहां मौजूद था और मैंने पूरा मैच देखा। मुझे वह पिच बिल्कुल खराब नहीं लगी। मुझे लगा कि असली समस्या पिच नहीं, बल्कि दोनों टीमों के बल्लेबाजों में कॉन्फिडेंस और डिसिप्लिन की कमी थी। मेरे हिसाब से इसका एक आसान समाधान है। अगर पिच को लेकर ज्यादा विवाद हो रहा है, तो टॉस खत्म कर देना चाहिए। मेहमान टीम का कप्तान खुद तय करे कि पहले बल्लेबाजी करनी है या गेंदबाजी। इससे यह बहस खत्म हो जाएगी कि किस टीम को कंडीशन्स (होम-अवे एडवांटेज) का फायदा मिल रहा है, क्योंकि फैसला मेहमान टीम ही लेगी। सवाल: टी-20 वर्ल्ड कप कुछ महीनों बाद है। आपकी नजर में कौन-सी चार टीमें सेमीफाइनल में जाएंगी?
टॉम मूडी: मैं भविष्यवाणी करने में बहुत अच्छा नहीं हूं, लेकिन आमतौर पर इंडिया, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हमेशा मजबूत दावेदार रहते हैं। इस बार मुझे लगता है कि साउथ अफ्रीका भी बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रही है और सेमीफाइनल में होगी।


