बैतूल कोतवाली पुलिस ने पैसे दोगुने करने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी दो साल से फरार था। वह एक ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों को पैसा दोगुना करने का झांसा देता था। टीआई रविकांत डहरिया ने पुराने दर्ज अपराध खंगालने के बाद लंबे समय से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी प्रवीण पिता बुद्धराव मगरदे (34 ) को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी स्वस्तिका कंपनी के नाम पर लोगों को पैसे डबल करने का लालच देता था। इस मामले में पांच लोगों से करीब 2 लाख 48 हजार रुपए की ठगी की थी। दो साल में रुपए डबल करने का झांसा देता था टीआई के मुताबिक पिछले साल 19 अप्रैल जावेद हुसैन (38) पिता सज्जाद हुसैन ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रवीण मगरदे ने स्वास्तिका कंपनी में पैसे निवेश करने पर 2 साल में राशि डबल करने का लालच दिया। उसने कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। गांव लौटा तो पकड़ा गया
कोतवाली टी आई ने इस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसआई पंचम सिंह उईके के साथ आरक्षक सोनू सूर्यवंशी, महेश नगदे और उज्जवल दुबे की टीम बनाकर रवाना किया। इस दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि आरोपी अपने घर ग्राम सोनेगांव आया हुआ है। पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को उसके गांव से गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया है। इन्हें बनाया ठगी का शिकार 1. जावेद हुसैन- ₹1,00,000 (ऑनलाइन और नकद) 2. रेणु पति निलेश राठौर (32)- ₹8,360 3. प्रतिभा पिता मेसराम धुर्वे (27)- ₹60,000, रजिस्ट्रेशन के नाम पर 4. गगन पिता नारायण पवार (21)- ₹60,000, शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 5. अमन पिता मनोहर सिंह तोमर (29)- ₹20,000 (₹5,000 ऑनलाइन और ₹15,000 नकद) ट्रेडिंग एप के नाम पर लगाता था चूना इस मामले में ठगे गए लोगों ने बताया कि आरोपी बैतूल में एक किराए के मकान में रहता था। यहां वह लोगों को बताता था कि वह IPS की तैयारी कर रहा है। वह गोहाटी से पुलिस ट्रेनिंग करके आने का भी दावा करता था। इस बीच उसने कई लोगों को अपने विश्वास में लिया। इस दौरान उसने बताया कि वह स्वस्तिका ऐप का बैतूल जिले का ब्रोकर है। अगर इस ऐप पर रुपए लगाए जाएं तो वह दो साल में डबल हो जाएंगे। उसके व्यवहार और बताए गए प्रोफाइल के झांसे में लोग फंसते गए। इस दौरान वह रकम सहित फरार हो गया। लोगों ने बताया कि उन्होंने स्वस्तिका कंपनी से भी बात की। कंपनी का जवाब मिला कि इस नाम के व्यक्ति से उनका कोई लेना देना नहीं है। इससे साफ है कि उसने यह रकम कंपनी में इन्वेस्ट ही नहीं की थी। आरोपी पर और भी कई थानों में आपराधिक प्रकरण दर्ज है।