डिप्टी CM के हाथ में आ गई उखड़ी सड़क:रायपुर में ठेकेदार से बोले-सुधार कर एहसान नहीं करोगे, अफसरों को चेताया-पेमेंट हुआ तो सैलेरी कटेगी

रायपुर के मोवा ओवर-ब्रिज पर सड़क रिपेयरिंग का काम चल रहा था। करीब एक हफ्ते फ्लाईओवर से आवाजाही बंद रही। मरम्मत के बाद जब आवाजाही शुरू हुई तो नयी सड़क 24 घंटे भी नहीं टिक पाई और उखड़ने लगी। ये बात जब प्रदेश के डिप्टी CM और PWD मिनिस्टर अरुण साव के पास पहुंची तो वह खुद सड़क देखने चले गए। रोड पर बैठकर मंत्री ने डामर पर हाथ लगाया लगाया तो उखड़कर डामर हाथ में आ गया। सड़क रेत की तरह बिखर गई। ये देख गुस्से में आकर अरुण साव ने मौके पर मौजूद इंजीनियर को जमकर फटकार लगाई। कहा कि यह क्या है.. इसे देखा क्यों नहीं गया? क्या ऐसे ही काम करवाते हो? इस दौरान हाथ जोड़कर ठेकेदार भी करीब खड़ा था, वो कहने लगा-गलती हो गई ठीक करवा दूंगा, भड़ककर मंत्री साव ने भी कहा कि, ठीक करके कोई एहसान नहीं करोगे। पेमेंट रोकने की कही बात अरुण साव के जायजा लेने के दौरान IAS डॉ कमलप्रीत सिंह भी पास खड़े थे। डिप्टी CM ने उनसे कहा कि, सचिव जी इसको दिखवाइए पूरी जांच होनी चाहिए। साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी अरुण साव ने कहा कि, किसी भी तरह का पेमेंट नहीं होना चाहिए। साव ने अधिकारियों से कहा कि, पेमेंट हुआ तो सैलरी से कटेगा ये बात समझ लीजिए आप लोग। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने भी इंजीनियर से 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा कि,14 तारीख को हमें जो कार्रवाई करनी है करेंगे। जादवानी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही काम जादवानी कंस्ट्रक्शन के केशव जादवानी इस सड़क का निर्माण करवा रहे थे। घटिया निर्माण की वजह से मंत्री की फटकार के बाद अब फिर से सड़क को रिपेयर किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के ब्रिज डिपार्टमेंट के एसडीओ रोशन साहू, इंजीनियर तन्मय गुप्ता और राजीव मिश्रा की भी लापरवाही उजागर हुई है। यह भी जांच के दायरे में है। अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो सकती है। PWD की ओर से इसके लिए जांच आदेश भी जारी किया गया है। इसमें बताया गया कि, निरीक्षण के दौरान कार्य स्थल पर खराबी पाई गई। ब्रिज पर 7 जनवरी 2025 को रात 3-4 बजे किए गए बिटूमिनस कंक्रीट की 40 एम.एम. की परत से डामरीकरण किया जा रहा था। मिक्सिंग के समय डामर तय पैमाने से ज्यादा गर्म था। इसके चलते गिट्टी आपस में नहीं चिपकी और यातायात के दौरान गिट्टी का आपस में अलग होकर बिखरना पाया गया। आदेश में लिखा गया कि ये घोर लापरवाही है। डामरीकरण कार्य में खराबी क्यों आयी? डामरीकरण में कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? इसकी जांच मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों से करा कर 3 दिन में रिपोर्ट पेश करें। सावधान…कार्य प्रगति पर है 3 से 8 जनवरी तक मोवा रेलवे ओवरब्रिज पर आवाजाही बंद कर मरम्मत का काम किया गया था। इसके खुलते ही मरम्मत के काम की भी पोल खुल गई। अब जिस हिस्से में डामर से गिट्टी निकल रही है, वहां के डामर को उखाड़ कर फिर से काम किया जा रहा है।

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