डीएमएफ के नियम में बदलाव को मंजूरी:नवा रायपुर में 8 एकड़ में बनेगी क्रिकेट अकादमी, रेत की होगी अब ई-नीलामी

नवा रायपुर में अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी बनेगी। प्रदेश सरकार इसके ​लिए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को आठ एकड़ जमीन देगी। यह फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। संघ को नवा रायपुर के सेक्टर-3, परसदा में 7.96 एकड़ जमीन क्रिकेट एकेडमी की स्थापना के लिए आवंटित किया जाएगा। दरअसल, सरकारी व्ययन नियमों के तहत, गैर-लाभकारी संस्थाओं को सीधे जमीन आवंटन का प्रावधान नहीं है, लेकिन इस विशेष मामले में राज्य शासन ने नियमों को शिथिल कर यह निर्णय लिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को 2016 में बीसीसीआई से पूर्णकालिक मान्यता प्राप्त है। नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और प्रशिक्षण के लिए अकादमी की जरूरत महसूस की जा रही थी। इससे प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को क्रिकेट में आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर मिलेंगे और राज्य को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी। प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे लोगों को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही रेत उत्खनन में पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियमों में रेत खदान का आवंटन ई-ऑक्शन से होगा। वहीं, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के संशोधित गाइडलाइन के अनुसार डीएमएफ नियम 2015 में संशोधन भी शामिल है। इसके मुताबिक डीएमएफ की 70 फीसदी राशि अब उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र पर खर्च किया जाएगा। नियम के मुताबिक अब यह राशि पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि पर खर्च किया जाएगा।
इसके अलावा महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निशक्तजन कल्याण के साथ ही कौशल विकास एवं रोजगार, स्वच्छता, आवास, पशुपालन के समग्र विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके तहत कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खंड की दर को समाप्त करते हुए पूरे रकबे की गणना हेक्टेयर की दर से की जाएगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की जमीनों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा। खेती की जमीन का भुगतान अब हेक्टेयर की दर से करेंगे भारत-माला में जमीनों का बंटाकन कर बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी के बाद राज्य सरकार अब नियमों में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत कृषि जमीन के बाजार मूल्य निर्धा​रण की दर के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। क्रिकेट स्टेडियम BCCI को सौंपेंगे तभी रायपुर को मिल पाएगी इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी खेल मंत्री बोले- चल रही प्रक्रिया सुमय कर की रिपोर्ट छत्तीसगढ़ सरकार ने क्रिकेट संघ को अत्याधुनिक अकादमी के लिए 8 एकड़ जमीन दे रही है। लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ का पहला और इकलौता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम संघ को नहीं सौंपा जा सका। जबकि पिछले 8 साल से संघ लगातार राज्य सरकार से स्टेडियम की मांग कर रहा है। इस खींचतान के कारण हमारा स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मेजबानी के लिए तरस रहा है। इन्ही कारणों से देश का तीसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होने के बाद भी ये बीसीसीआई की रोटेशन पॉलिसी में भी शामिल नहीं हाे पाया। अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी भी इसी वजह से नहीं मिल रही और स्टेडियम की हालत बिगड़ रही है। यहां अंतरराष्ट्रीय मैच तभी मिलते हैं, जब किसी स्टेडियम में आयोजित होने वाले मैच दूसरी जगह शिफ्ट होते हैं। खेल मंत्री टंकराम वर्मा का कहना है कि स्टेडियम हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अभी कैबिनेट ने अकादमी के लिए जगह दी है, जल्द ही स्टेडियम पर भी फैसला होगा। क्या है बीसीसीआई की रोटेशन पॉलिसी?
बीसीसीआई आयोजन स्थल रोटेशन पॉलिसी के तहत तय करती है। इसके अनुसार देश के अधिकृत और मान्यता प्राप्त स्टेडियम को बारी-बारी मैचों की मेजबानी का मौका मिलता है। बीसीसीआई रोटेशन पॉलिसी में भी तभी स्टेडियम को शामिल करता है, जब वह पूरी तरह से राज्य क्रिकेट संघ के अधीन रहता है। इसलिए यहां तकनीकी पेंच फंसा हुआ है। एक नजर में मांग 20 एकड़ की, मिली सिर्फ 8, राज्य सरकार व क्रिकेट संघ के बीच फंसा पेंच
क्रिकेट एक्सपर्ट ने बताया कि अकादमी के लिए भी कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखा गया था। इसके बाद जमीन दी जा रही है। हमने अत्याधुनिक अकादमी के लिए 20 एकड़ जमीन की मांग की थी, लेकिन आठ एकड़ जमीन ही मंजूर की गई। इस वजह से हमें समझौता करना पड़ रहा है। नवा रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में लगातार घरेलू टूर्नामेंट हो रहे हैं। प्रभतेज भाटिया के बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष बन जाने की वजह से हमें साल में एक या दो इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी मिलने जा रही है। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ को 2016 में बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता मिली। लेकिन राज्य सरकार ने क्रिकेट संघ को स्टेडियम लीज पर नहीं दिया। स्टेडियम का मेंटेनेंस अभी पीडब्ल्यूडी कर रहा है। जबकि पिच और मैदान की देखभाल क्रिकेट संघ के हाथों में है। बीसीसीआई के नियम अनुसार राज्य क्रिकेट संघ के अधीन स्टेडियम को ही मेजबानी दी जाती है।

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