झारखंड में आम लोगों और महिलाओं से दुर्व्यवहार करने वाले या भू-माफिया व अपराधियों से संलिप्तता रखने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की अब खैर नहीं होगी। ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की खोज शुरू हो गई है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने राज्य के सभी जिलों और इकाइयों से एक सप्ताह के भीतर इनकी सूची मांगी है। इस सूची के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। दरअसल डीजीपी ने झारखंड पुलिस की छवि साफ-सुथरी बनाने की कवायद शुरू की है। उनका मानना है कि ऐसे पुलिसकर्मियों से पुलिस की छवि और कार्यशैली प्रभावित होती है। इन पर कार्रवाई होने से भविष्य में पुलिसकर्मी आम लोगों से बेहतर व्यवहार करेंगे। अनुशासित होकर अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। इन सात बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी… जिनके खिलाफ आमलोगों और महिलाओं से दुर्व्यवहार करने के आरोप में कार्रवाई की गई हो। जिनकी भू-माफिया या आपराधिक प्रवृत्तिके लोगों के साथ संलिप्तता मिली हो। जिनके खिलाफ अपने वरिष्ठ अफसरों के साथ उद्दंडतापूर्ण व्यवहार करने के आरोप में कार्रवाई हुई हो या ऐसा व्यवहार करने का आरोप हो। जो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी से फरार रहते हों। जो ड्यूटी के दौरान आदतन शराब का सेवन करते हों। जो अक्सर बिना कारण अवकाश की समय-सीमा खुद बढ़ाकर देर से ड्यूटी पर लौटते हों जिन पर भ्रष्टाचार का आरोप हो या फिर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हों। झारखंड में पुलिस की छवि साफ-सुथरा बनाने की कवायद