संजय तिवारी | अमृतसर सोशल मीडिया पर डीपफेक ब्लैकमेलिंग का युवतियां शिकार बन रही हैं। साइबर अपराधी इसका गलत इस्तेमाल कर कई लड़कियों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा रहे हैं। सोशल मीडिया अपलोड तस्वीरों- वीडियो से अपराधी हैसियत का अंदाजा लगाकर ठगी मारते हैं। ज्यादातर शिकार युवतियां हैं। खासकर वो जो सुंदर या अमीर दिखती हैं। साइबर सैल थाने में बीते एक साल में ऐसी 77 शिकायतें आई। इन मामलों में लड़कियों की तस्वीरे और वीडियो अपलोड कर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। इससे कई डिप्रेशन में भी चली गईं। 77 शिकायतों के बावजूद सिर्फ एक ही महिला ने आरोपी के खिलाफ केस करवाने की हिम्मत दिखाई। बाकी ने बदनामी के डर से केस नहीं करवाया। माफीनामे से ही संतुष्ट हो गईं। अधिक्तर युवतियां न ही परिवार को बता रही हैं और न पुलिस को । इसलिए अपराधी उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे भी वसूलते हैं। बहुत कम मामलों में परिवार वाले मनोचिकित्सकों के पास पहुंचते हैं। बदनामी के डर से पुलिस के पास नहीं जाते। शहर मनोचिकित्सकों के पास सप्ताह में दो से तीन लड़कियां पहुंच रही हैं। शहर के जाने-माने तीन मनोचिकित्सकों के मुताबिक साल में 30 से ज्यादा ऐसी मामलों से जुड़ी युवतियों की काउंसलिंग की गई है। ऐसे केस बढ़ रहे हैं। वहीं पुलिस के पास ऐसी शिकायतें आती हैं, लेकिन ये केस में तबदील नहीं होती। कई केसों में तो लड़कियों के जानकार ही आरोपी होते हैं।