अशोकनगर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अहिरवार समाज संगठन ने अलग-अलग समय मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। दोनों संगठनों ने अधिवक्ता अनिल मिश्रा के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। बहुजन समाज पार्टी द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि एडवोकेट अनिल मिश्रा ने “आचरण ग्वालियर पर लाइव” सोशल मीडिया कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंबेडकर के खिलाफ निंदनीय, अमर्यादित और भड़काऊ टिप्पणी की। बसपा ने इसे संविधान प्रेमियों की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला और राष्ट्र के प्रति गहरी साजिश बताया। यह संविधान और लोकतंत्र का अपमान
ज्ञापन में डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न, संविधान निर्माता और करोड़ों वंचितों का मसीहा बताते हुए कहा गया कि ऐसी टिप्पणियां केवल डॉ. अंबेडकर का ही नहीं, बल्कि पूरे संविधान और लोकतंत्र का अपमान हैं। पार्टी ने अनिल मिश्रा के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और धार्मिक वैमनस्य फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की। अहिरवार समाज संघ ने भी एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि डॉ. अंबेडकर ने अपना जीवन समता, न्याय और सामाजिक समरसता के लिए समर्पित किया। एडवोकेट अनिल मिश्रा द्वारा सार्वजनिक रूप से की गई टिप्पणी न केवल अपमानजनक है, बल्कि समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास है। संघ की ओर से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें की गईं। इनमें अनिल मिश्रा पर एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी, उन पर देशद्रोह और समाज विरोधी गतिविधियों के लिए भी कार्रवाई, तथा भविष्य में ऐसी असंवैधानिक एवं भड़काऊ टिप्पणियों पर रोक लगाने के लिए शासन स्तर पर कठोर दिशा-निर्देश जारी करना शामिल है। दोनों संगठनों ने प्रशासन से संविधान और उसके निर्माता के सम्मान की रक्षा सुनिश्चित करने तथा ऐसी टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध त्वरित एवं सख्त कार्रवाई करने की मांग की।