डोंगरगढ़ का 100 साल पुराने रेलवे उच्चतर माध्यमिक स्कूल बंद होने की कगार पर है। रेलवे प्रशासन ने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्कूल भवन को जर्जर घोषित कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि, भवन में बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। छात्रों को स्वामी आत्मानंद स्कूल में स्थानांतरित किया जा रहा है। वर्तमान में स्कूल सीबीएसई पैटर्न पर चल रहा था। अभिभावकों ने पहले ही यूनिफॉर्म, फीस और किताबों पर खर्च कर दिया है। अचानक पैटर्न बदलने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। पैरेंट्स ने ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने से किया इनकार विवाद का मुख्य बिंदु यह है कि जिस भवन को बच्चों के लिए असुरक्षित बताया जा रहा है। वहीं रेलवे का मंडल स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान खोला जा रहा है। अभिभावकों ने बच्चों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने से इनकार कर दिया है। यह निर्णय शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन सांसद प्रतिनिधि तरुण हथेल की उपस्थिति में अभिभावकों ने यह निर्णय लिया। अभिभावकों का मानना है कि यह रेलवे की जमीन और संसाधनों के नए उपयोग का मामला है। सत्र के बीच में लिया गया यह निर्णय शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। अभिभावकों ने आंदोलन और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह मामला अब शिक्षा की प्राथमिकता, प्रशासनिक जवाबदेही और नागरिक अधिकारों का प्रतीक बन गया है।