राज्य शासन ने प्रदेश में 10 आईएएस अफसरों की जिम्मेदारियों का फिर से बंटवारा किया है। इनमें रीना बाबा साहब कंगाले और रवि मित्तल को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कंगाले को राजस्व भी दिया गया है। मित्तल को सीएम सचिवालय में पदस्थ किया गया है। मंत्रालय से मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार प्रभात मलिक को केवल सुशासन एवं अभिसरण विभाग के संयुक्त सचिव के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया है। रितेश अग्रवाल को प्रवर श्रेणी वेतनमान के संवर्गीय पद के समकक्ष घोषित किया गया है। राजभवन में उप सचिव रहीं हीना अनिमेष नेताम की विदाई हो गई है। नेताम के नई जगह चार्ज लेने पर जगदीश सोनकर इस अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। वे एमडी अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम बने रहेंगे। नेताम एवं अश्विनी देवांगन को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ वेतनमान के संवर्गीय पद के समकक्ष घोषित किया गया है। तबादले की पीछे की कहानी- रवि व रितेश को इनाम पद्मिनी और जयश्री की लगातार शिकायतें बनीं वजह जनसंपर्क में बेहतर काम की वजह से रवि मित्तल को सीएम सचिवालय के सभी सचिव चाहते थे कि वे यहां आ जाएं। सचिवों के एकमत होने की वजह से मित्तल को सीएम सचिवालय में संयुक्त सचिव बता दिया गया है। वहीं, रितेश अग्रवाल को पेंशन के 1685 करोड़ रुपए मप्र से वापस लाने का इनाम दिया गया है। उन्हें सीजीएमएससी में सुधार लाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं सीजीएमएससी से पद्मिनी भोई को हटाने की बड़ी वजह लगातार मिल रही अमानक दवाएं बनी। इसके पहले भी मोक्षित को भुगतान करने के मामले में भी उनकी शिकायत हो चुकी थी, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने तब उन्हें बचा लिया था। जयश्री जैन की कार्यशैली की लगातार शिकायतें हो रही थीं। आजीविका मिशन में होने वाली भर्तियां लंबे समय से रूकी हुई थीं। वहीं, अविनाश चंपावत और प्रभात मलिक पर कई विभागों की जिम्मेदारी थी। कई दिनों से चर्चा थी कि उनसे एक-एक विभाग लिया जा सकता है।