चित्तौड़गढ़ में ताइवान वैरायटी के पपीते के पौधों की काफी डिमांड हो रही है। किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ नवाचार की ओर बढ़ रहे हैं। इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है। सीताफल एक्सीलेंस सेंटर में जहां सीताफलों के अलग-अलग वैरायटी पर रिसर्च किया जा रहा है। वहीं, अन्य सब्जियों और फलों के पौधे भी रेडी किए जा रहे हैं। हाल ही में, राजस्थान राज्य के भजन लाल सरकार को 1 साल पूरे होने पर एक एग्जीबिशन लगाया गया था। एग्जीबिशन में बेगूं बेल्ट के कुछ किसानों ने लगभग 50 हजार ताइवान पपीते के पौधों का एडवांस आर्डर दिया है। सीताफल एक्सीलेंस सेंटर के अधिकारियों का मानना है कि इस साल पूरे संसाधनों के साथ प्रचार-प्रसार के कारण ऐसा संभव हो पाया है। इस तरह के आर्डर आने से राजस्व आय भी बढ़ेगी। खुशी की बात यह है कि किसानों में जागरूकता भी बढ़ती जा रही है। ताइवान वैरायटी के पपीते के पौधों का मिला 50 हजार एडवांस आर्डर सीताफल एक्सीलेंस सेंटर के उपनिदेशक राजाराम सुखवाल ने बताया कि किसानों की डिमांड को देखते हुए सीताफल के अलावा भी आंवला, कटहल, नींबू, करौंदा, सहजन, अमरूद, पपीता जैसे कई अन्य फलों के ग्राफ्टेड पौधे रेडी किए जाते हैं। किसानों द्वारा ताइवान पपीते की काफी मांग रहती है। शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री के 1 साल पूरे होने पर प्रशासन की ओर से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। उस एग्जीबिशन में एक्सीलेंस सेंटर की ओर से भी पौधों को रखा गया था। मौके पर ही कई किसानों ने पपीते के पौधे खरीद लिए थे। इसके अलावा बेगूं और उसके आसपास के क्षेत्र से कुछ किसानों ने आगामी साल के लिए ताइवान वैरायटी के पपीते के 50000 पौधों को एडवांस में बुक कर लिया है। ढंग से हुआ प्रचार-प्रसार, किसान हो रहे जागरूक उन्होंने बताया कि इस बार सरकार द्वारा एक्सीलेंस सेंटर को पूरे संसाधन उपलब्ध करवाए गए थे। जिसके कारण प्रॉपर ढंग से केंद्र का प्रचार-प्रसार संभव हो पाया है। देखकर खुशी भी हो रही है कि किसानों में जागरूकता भी आई है। किसान अपने परंपरागत खेती के साथ-साथ ही नवाचार भी करने लगे हैं। इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है। कई किसान केंद्र में आकर पौधों के बारे में जानकारी भी लेते हैं और उसे जाकर अपने खेत पर भी ट्राई करते हैं। सर्दी में नहीं किए जाते पौधे रेडी उपनिदेशक राजाराम सुखवाल ने बताया कि ठंड के कम होने के बाद पौधों को तैयार करना शुरू कर देंगे। यह सभी पौधे फरवरी महीने से रेडी करना शुरू करेंगे। अच्छी डिमांड होने के कारण इस बार पौधों का लक्ष्य भी ज्यादा रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी ठंड होने के कारण पौधे ढंग से बढ़ नहीं पाते हैं। पपीता, आलू, बैंगन, टमाटर जैसे फल और सब्जियां पाल के कारण नष्ट हो जाती है। चित्तौड़गढ़ में अभी 5 डिग्री से काम का तापमान चल रहा है। ऐसे में यह फल और सब्जियां जम जाती है। इनकी अंदर की कोशिकाएं फट जाती है, जिससे इनके पौधे मुरझा जाते हैं। इसलिए पौधों को रेडी करने का काम सर्दी में नहीं किया जाता है। फरवरी महीने में इन पौधों को रेडी करना शुरू कर दिया जाएगा।