ताजमहल या तेजोमहालय…केस की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी:प्रतिवादी के जवाब दाखिल करने पर वादी ने आपत्ति दर्ज कराने को मांगा समय, दावा- ये तेजोलिंग महादेव का मंदिर है

ताजमहल या तेजोमहालय… इस मामले में आज (12 दिसंबर) को आगरा की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की कोर्ट में सुनवाई हुई। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान विपक्षी संख्या-4 महानिदेशक यूपी टूरिज़्म ने अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता सूरज कुमार के माध्यम से केस में अपना लिखित जवाब दाखिल कर दिया। जिस पर वादी ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 13 जनवरी नियत की है। तेजोमहादेव केस की सुनवाई न्यायाधीश नजमा गोमला के न्यायालय में चल रही है। योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से 27 मार्च 2024 को वाद दायर किया गया। उनके वकील अजय प्रताप सिंह का कहना है कि ताजमहल तेजोलिंग महादेव का मंदिर है। इस मामले में पिछली सुनवाई 8 नवंबर को हुई थी। केस में सचिव संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग, अधीक्षण पुरातत्वविद ASI आगरा सर्किल, महानिदेशक यूपी टूरिज्म प्रतिवादी हैं। ASI ने कहा- ताजमहल एक रिसर्च का विषय
एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने साल 2023 में ASI से RTI के जरिए पूछा था कि ताजमहल कब बनना शुरू हुआ और कब खत्म हुआ? ताजमहल के भवन की उम्र क्या है? इसका जवाब देते हुए ASI ने बताया कि ताजमहल एक रिसर्च का विषय है। इसके लिए आप ताजमहल की वेबसाइट और संबंधित पुस्तकों को पढ़ सकते हैं। एडवोकेट ने रिसर्च किया तो क्या मिला, उनके दावे आगे पढ़िए… ASI को अंदर से गुंबद गोलाकार नहीं मिला
एडवोकेट अजय प्रताप सिंह के मुताबिक, साल 1946 के ASI के बुलेटिन में ASI के महानिदेशक माधोस्वरूप वत्स के लेख रिपेयरिंग ऑफ ताजमहल में लिखा है कि ताजमहल का शिल्पकार एक विवादित तथ्य है। साल 1652 के औरंगजेब के एक पत्र के अनुसार, ताजमहल के शिल्पकारों के पास ताजमहल में बरसात में जो रिसाव हुआ था। उसकी मरम्मत के कोई सुझाव उपलब्ध नहीं थे। जब ASI ने ताजमहल के मुख्य गुंबद की मरम्मत शुरू की तो ASI को अंदर से गुंबद गोलाकार नहीं मिला। उसमें जगह-जगह चूना पत्थर भरे गए थे। एडवोकेट बोले- तेजो मतलब शिवजी, बेर का अर्थ मंदिर
एडवोकेट अजय प्रताप सिंह का कहना है कि ताजमहल के बारे में रिसर्च करना शुरू किया। जब मैंने बाबरनामा, हुमायूंनामा, रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल, ASI के बुलेटिन, एपिग्राफिका इंडिका, विश्वकर्मा प्रकाश, पुराण आदि पढ़े तो ये बात सामने आई कि शिव सहस्त्र नाम स्त्रोत के अनुसार तेजो नाम शिवजी का है। विश्वकर्मा प्रकाश में तेजोलिंग बेरनिर्माण का वर्णन है। संस्कृत में बेर का अर्थ मंदिर होता है। एपिग्राफिका इंडिका में बटेश्वर शिलालेख के अनुसार, राजा परमाल देव ने फिटकरी के समान सफेद रंग का शिवजी का मंदिर 1194 ई. में बनवाया था। ताज गार्डेन जिसका मूल नाम चारबाग है, इसके निर्माण का वर्णन बाबर ने अपनी पुस्तक बाबरनामा में किया है। बाबर ने अपनी पुस्तक में ताजमहल के नीचे कुओं के निर्माण का भी वर्णन किया है। हुमायूंनामा में ताजमहल का उल्लेख है। आगरा गजेटियर, ASI बुलेटिन और रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जनरल के अनुसार, ताजमहल का शिल्पकार विवादित है। कब-कब विवाद सामने आया? आगे स्लाइड में जानिए-

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