झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी करने की मांग को लेकर दाखिल पवन कुमार वर्मा की रिट याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जेपीएससी अध्यक्ष के खाली पद को जल्द भरने का निर्देश दिया। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अध्यक्ष का पद तीन माह से रिक्त है। इस कारण कई नियुक्तियां बाधित हो रही है। नई नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो रही है। झारखंड एक कल्याणकारी राज्य है। विधानसभा चुनाव के बाद यहां लोकप्रिय सरकार भी बन गई है। एक बेहतर राज्य होने के नाते झारखंड में जेपीएससी अध्यक्ष के खाली पद को जल्द से जल्द भरे जाने की उम्मीद की जा रही है। अदालत ने कहा कि आमतौर पर राज्य सरकार के नीतिगत मामलों में हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है, लेकिन यह मामला सैकड़ों अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित है। जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं होने से जेपीएससी 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा के साथ-साथ कई नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि तीन माह से अधिक समय से जेपीएससी का अध्यक्ष पद रिक्त है। जेपीएससी की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा जून में ही ली गई थी। सफल अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन, साक्षात्कार एवं परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। अध्यक्ष के नहीं रहने से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। जेपीएससी की आेर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए उचित कार्रवाई की जा रही है। जेपीएससी अध्यक्ष के पद को जैसे ही भरा जाएगा, नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल पूरी कर ली जाएगी। कोर्ट ने जल्द जेपीएससी अध्यक्ष नियुक्ति करने का निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी।