तीसरे दिन भी सियासत:बार चुनाव कल, इससे पहले चुनाव अधिकारी का इस्तीफा, प्रत्याशियों का कार्यक्रम हंगामे की भेंट चढ़ा

बार एसोसिएशन के चुनाव में अब सिर्फ दिन बचा है और सियासत की गरमाहट चरम पर है। दो दिन से अध्यक्ष भरत जोशी व महासचिव राजेश शर्मा के बीच चैंबर निर्माण के बदले में वकीलों से लिए गए 5.12 लाख रुपए का विवाद अभी थमा भी नहीं थी कि बुधवार शाम चुनाव अधिकारी वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश द्विवेदी ने इस्तीफा दे दिया। बुधवार को ही चुनाव में शामिल हो रहे अध्यक्ष पद के दावेदारों सहित सभी 16 प्रत्याशियों का आमने-सामने का कार्यक्रम भी था। यानी इसमें सवाल-जवाब होने थे। ये कार्यक्रम भी हूटिंग और हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस बार एसोसिएशन के चुनाव 13 दिसंबर को होंगे। वोटिंग सुबह 2 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। शाम 5 बजे बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। कुल 2929 अधिवक्ता मतदान करेंगे। इस बार अध्यक्ष पद के लिए 5, उपाध्यक्ष के दो, महासचिव के 2, सचिव के दो, वित्त सचिव के लिए 2 और पुस्तकालय सचिव के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। बता दें कि कोर्ट सर्किल स्थित कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए 64 चैंबरों के निर्माण के लिए 512 अधिवक्ताओं से 1-1 हजार रुपए लिए गए। इससे 5.12 लाख रुपए एकत्र हुए। अब कोर्ट की नई बिल्डिंग बलीचा में बनना प्रस्तावित है। ऐसे में अधिवक्ताओं के पैसे लौटाने और नहीं लौटाने पर विवाद चल रहा था। बुधवार को प्रत्याशियों के आमने-सामने कार्यक्रम के बाद चुनाव अधिकारी सुरेश द्विवेदी ने इस्तीफा दिया। कारण पूछने पर उन्होंने मौजूदा बार अध्यक्ष भरत जोशी से कारण पूछने को कहा। उन्होंने इस्तीफे में लिखा है कि मतदाता व प्रत्याशी चुनाव नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 10 दिसंबर को प्रत्याशियों को नोटिस भेजा था। फिर भी वे सहयोगी मतदाता के साथ मिलकर जन्मदिन की आड़ में कोर्ट परिसर में भोज कर रहे हैं। ऐसे में वह चुनाव में सहयोग नहीं कर सकते हैं। जन्मदिन पर लंच किसी के समर्थन में नहीं: अध्यक्ष मौजूदा अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि अधिवक्ता गिरिजा शंकर मेहता की गुरुवार को बर्थडे पार्टी है। इसके लिए लंच कोर्ट परिसर में रखा है। यह किसी के समर्थन में नहीं है। चुनाव प्रभारी से इसकी अनुमति मांगी थी, वह नहीं माने। बता दें कि जोशी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ अधिवक्ताओं ने सेशन कोर्ट जज को पत्र लिखकर लंच निरस्त करने की मांग की। क्योंकि अधिवक्ता वैभव जैन का भी 12 दिसंबर को जन्मदिन है। लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने भी अपना लंच निरस्त कर दिया है। द्विवेदी ने इस्तीफे में कहा- जन्मदिन की आड़ में नियमों का उल्लंघन आमने-सामने कार्यक्रम के दौरान बार सभागार 1500 से ज्यादा अधिवक्ताओं से भर गया। कई अधिवक्ता बाहर और आसपास की खिड़कियों से कार्यक्रम देखते रहे। अधिवक्ताओं ने कार्यक्रम की शुरुआत से ही भारत माता की जय, वंदे मातरम, वकील एकता जिंदाबाद जैसे नारों से सभागार गूंजायमान कर दिया। सभी प्रत्याशियों ने अपना परिचय देते हुए कार्य योजनाएं बताई। प्रत्याशियों से अधिवक्ताओं के सवाल और सबके लगभग एक जैसे जवाब… सवाल : एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लिए क्या करेंगे? जवाब : भरसक प्रयास करेंगे, हाईकोर्ट जाएंगे। हालांकि कोई यह नहीं बता पाया कि इस कानून को लागू कैसे कराएंगे। सवाल : अधिवक्ताओं को सम्मान दिलाया जाएगा, यह कैसे मानें? जवाब : सभी ने किसी भी अधिवक्ता के देहांत पर कोर्ट में एक दिन के अवकाश से सम्मान दिलाने की बात कही। सवाल : अध्यक्ष पद मिलने के बाद वे अधिवक्ताओं को भाव देना छोड़ देते हैं, ऐसा क्यों? जवाब : सभी ने कहा अब ऐसा नहीं होगा। जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह अधिवक्ताओं की समस्या सुनेगा और उनका समाधान निकालेगा। सवाल : महिला वकीलों के छोटे बच्चों के लिए क्या सुविधा की जाएगी? जवाब : जिन अधिवक्ताओं के 5-7 साल से छोटे बच्चे हैं, उनके लिए शिशु गृह (क्रेच) बनाया जाएगा।

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