छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस को कैश में देने का नियम लागू किया गया। इसके बाद सरकारी अफसरों और लघुवनोपज सहकारी समिति के सदस्यों ने 3 करोड़ 92 लाख से ज्यादा का घोटाला किया। अफसरों और समिति के प्रबंधकों ने समिति के अकाउंट से कैश निकाला और आपस में बंदरबांट कर लिया। इस घोटाले का पैसा सुकमा के पत्रकारों से लेकर राजनेताओं तक पहुंचा है। EOW की पेश की गई चार्जशीट से ये खुलासा हुआ है। EOW के चालान के अनुसार तत्कालीन DFO को 91 लाख 90 हजार मिले। राजनेताओं को 7.5 लाख और पत्रकारों को 5.9 लाख रुपए मिले। वहीं समिति प्रबंधकों के व्यक्तिगत खर्च 2 करोड़ 82 लाख का बताया गया है। किसे कितना पैसा मिला? किसकी क्या भूमिका थी? किस समिति के नाम पर कितनी राशि निकाली गई? विस्तार से पढ़िए इस रिपोर्ट में… दरअसल, सुकमा वनमंडल में तेंदूपत्ता संग्राहकों की बोनस राशि के गबन के मामले में EOW ने 4500 पन्नों की चार्जशीट पेश की है। इस घोटाले में DFO अशोक कुमार पटेल समेत कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है। EOW की जांच में पता चला कि साल 2021 और 2022 में संग्राहकों को दी जाने वाली तेंदूपत्ता बोनस राशि में लगभग 7 करोड़ रुपए की अनियमितता हुई है। जिसमें अब तक की जांच में 8 समितियों में 3.92 करोड़ रुपए से अधिक के गबन की पुष्टि हुई है। जानिए घोटाले का कैसे हुए भंडाफोड़ EOW के अधिकारियों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि 2021 और 2022 में सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस राशि वितरण में गड़बड़ी हुई है। वन विभाग के अफसरों और वनोपज सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने हेराफेरी की और योजना की राशि का बंदरबांट किया। मुखबिर की सूचना पर EOW के अधिकारियों ने गोपनीय जांच शुरू की। जांच में घोटाले के सबूत मिलने पर अफसरों ने 27 जून को दबिश दी। अफसरों और समिति के पदाधिकारियों को हिरासत में लिया। इन आरोपियों ने गबन की गई राशि और उसके खर्च की जानकारी EOW के अफसरों को दी है। मामले में कुछ आरोपी फरार है, जिनकी तलाश जारी है। गबन घोटाले में इन पर हुआ एक्शन घोटाले में शामिल तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल समेत, 4 वनकर्मी और 7 प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधक समेत कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। EOW के मुताबिक DFO रहे अशोक ने पद का दुरुपयोग कर वन विभाग के अन्य अधिकारियों और समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाला बोनस लाभार्थियों तक पहुंचाने के बजाय अपने और निजी व्यक्तियों के काम में खर्च कर दी गई। अब पढ़िए किसकी क्या थी भूमिका DFO पटेल ने अलग-अलग कमीशन वसूला EOW की जांच में सामने आया है कि सिंडिकेट के मास्टरमाइंड अशोक कुमार पटेल ने समितियों से कमीशन लेने के नाम पर मनमानी की है। अति संवेदनशील और दुर्ग क्षेत्रों में जो समितियां थी, उनसे कमीशन के रूप में खाते में आई बोनस राशि का 50 प्रतिशत और सुलभ क्षेत्रों में जो समितियां थी, उनके प्रबंधकों से कमीशन के रूप में 10-15 प्रतिशत पैसा वसूला गया। अब जानिए कैसे किया गया घोटाला EOW की जांच के अनुसार सुकमा के वन विभाग अधिकारी अशोक कुमार पटेल और उनके साथियों पर तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के बोनस में बड़ा घोटाला किया। यह घोटाला 2021-2022 के तेंदूपत्ता सीजन से जुड़ा है, जिसमें करीब 7 करोड़ रुपए की राशि संग्राहकों को दी जानी थी। अधिकारियों ने आपसी साठगांठ कर बड़ी रकम खुद रख ली और संग्राहकों तक पैसा नहीं पहुंचा। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस राशि का कुछ हिस्सा पूर्व विधायक और कुछ पत्रकारों को भी दिया गया था। मामले में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (EOW/ACB) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया। 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 अप्रैल को छापेमार कार्रवाई की गई थी। दूरस्थ नक्सल क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों से की गई धोखाधड़ी आरोप है कि, डीएफओ अशोक कुमार पटेल ने अन्य वन अधिकारियों और 17 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से राशि गबन की। जिन क्षेत्रों से जांच की गई वे गोलापल्ली, मरईगुड़ा, किस्टाराम, चिंतलनार, भेज्जी, जगरगुंडा, पोलमपल्ली जैसे घोर नक्सल प्रभावित, आदिवासी बहुल और दुर्गम इलाके हैं। वहां के ग्रामीणों ने बोनस स्कीम की जानकारी नहीं मिलने की बात कही है। जिससे साफ हुआ कि बोनस की राशि वास्तव में संग्राहकों तक पहुंची ही नहीं थी। ………………………… तेंदूपत्ता घोटाले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… तेंदूपत्ता बोनस राशि घोटाला…4500 पन्नों की चार्जशीट पेश:निलंबित DFO समेत 14 अधिकारी-कर्मचारियों को बनाया गया आरोपी, 7 करोड़ की हुई है अनियमितता छत्तीसगढ़ के सुकमा वनमंडल में तेंदूपत्ता संग्राहकों की बोनस राशि के गबन के मामले में EOW ने 4500 पन्नों की चार्ज शीट पेश की है। इस घोटाले में DFO अशोक कुमार पटेल समेत कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पढ़ें पूरी खबर