भास्कर न्यूज | दंतेवाड़ा मनरेगा में नगद भुगतान और तेंदूपत्ता की दर बढ़ाने और इसका भी नगद भुगतान करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के दुर्गा मंडप में सीपीआई कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। सीपीआई जिले भर के सीपीआई कार्यकर्ता धरने में शामिल थे, कार्यकर्ताओं ने कहा तेंदूपत्ता हितग्राहियों को राशि का नगद भुगतान व बोनस की राशि हितग्राहियों को तुरंत मिलना चाहिए, तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा 7 हजार करने की मांग के साथ-साथ समितियों के द्वारा केंद्रीकृत तरीके से तेंदूपत्ता का संग्रहण होता है, संग्रहण के इस तरीके को सीपीआई ने वैधानिक नहीं बताया है, कार्यकर्ताओं ने कहा बस्तर में पेशा कानून लागू है यहां ग्राम सभा के माध्यम से खरीदी की जानी चाहिए। धरने पर बैठे सीपीआई कार्यकर्ताओं ने कहा 150 दिन बढ़ाकर मनरेगा का काम 200 दिन किया जाना चाहिए और इसका भुगतान भी नगद किया जाना चाहिए। सीपीआई ने कहा मजदूर 10 घंटे मजदूरी करते हैं और भुगतान उसके अनुपात में कम मिलता है, शासन की दोष पूर्ण नीति की वजह से मजदूरों को उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता है। नगद भुगतान नहीं होने से हो रहा पलायन: सीपीआई ने धरने में कहा दंतेवाड़ा में रोज 100 से डेढ़ सौ मजदूर पलायन कर रहे हैं, जिसकी वजह सीपीआई ने मनरेगा में नगद भुगतान नहीं होना बताया। सीपीआई के जितेंद्र सोरी, चमनलाल कुंजाम, बहुलोचन श्रीवास्तव ने बताया क्षेत्र में रोजगार नहीं है, मनरेगा में भुगतान बैंक के माध्यम से होता है, जबकि यहां की परिस्थिति अलग है, गांवों से बैंक की दूरी 50 से 60 किलोमीटर है, पांच सौ 1 हजार के भुगतान के लिए मजदूरों को मीलों पैदल चलना पड़ता है।