गांव मुंडापिंड, जौहल ढाए वाला, गुज्जरपुरा, मानकपुरा और धूंदा में हजारों किले जमीन में उगी फसल दरियाई पानी की चपेट में आकर खराब हो गई है। गांव मुंडापिंड के लोगों ने गांव गुज्जरपुरा के सरपंच के पति पर बांध के लिए डाली गई मिट्टी को उठाकर अपने घर में प्रयोग करने का आरोप लगाया है जबकि सरपंच के पति ने इन आरोपों को नकारा है। गांववासियों का कहना है कि दरिया के साथ करीब 5 ऐसे गांव सटे है जहां बारिश के मौसम में पानी आता है और दो साल पहले खालसा ऐड की मदद से यहां मिट्टी डाल पानी को रोकने के लिए बांध बनाया गया था लेकिन सरपंच के पति ने आपसी हितो के चलते डाली गई मिट्टी की गैर कानूनी ढंग से माइनिंग करवाई गई, जिसके कारण किसानों की हजारों किले मंे उगी धान की फसल पानी की चपेट में आ गई। इस संबंधी एसडीएम खडूर साहिब को शिकायत पत्र देते हुए गांव वासी गुरविंदर सिंह मुंडापिंड, किसान सतनाम सिंह, रणबीर सिंह आदि ने बताया कि सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा निवासी गुज्जरपुरा जो कि मौजूदा सरपंच राजबीर कौर का पति है ने सरकार की किसी मंजूरी के बिना बांध वाली जगह से करीब 2 किले जमीन में से मिट्टी उठा ली। बारिश का मौसम होने कारण बांध टूट गया है और 5 गांवों की 6 हजार किले जमीन दरियाई पानी की चपेट में आ गई है। शिकायत के बाद बीडीपीओ चोहला साहिब के आदेशों पर पंचायत अधिकारी दलजीत सिंह व पंचायत सक्तर गुज्जरपुरा जसपाल सिंह की ओर से मौका भी देखा गया है। गांववासियों ने मांग की कि सरपंच पर कार्रवाई करते हुए उसे तुरंत मुअतल किया जाए। उधर डीसी राहुल का कहना है कि मामले की जांच कर बीडीपीओ से रिपोर्ट मंगवाकर जांच करवाई जाएगी। इस संबंधी जब सरपंच राजबीर के पति सुखदेव सिंह से बात की गई तो उसने कहा कि उस पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। उसने बांध वाली जगह से कोई मिट्टी नहीं उठाई। इसके लिए चाहे जांच की जाए और वह इसके लिए वह तैयार है। उन्होंने बताया कि उन पर जानबूझ कर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।