तिब्बती आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा गुरुवार को अपने शीतकालीन प्रवास के लिए धर्मशाला स्थित निवास स्थान से रवाना हो गए। वह दिल्ली होते हुए दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित मुंडगोड के तिब्बती सेटलमेंट में जाएंगे। दलाई लामा शुक्रवार को दिल्ली में एक रात रुकेंगे। इस दौरान उनके कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात करने की संभावना है। इसके बाद वे मुंडगोड के लिए प्रस्थान करेंगे, जहाँ देश के सबसे बड़े तिब्बती मठों में से एक गादेन मठ स्थित है। दलाई लामा के प्रवास को देखते हुए, मुंडगोड सेटलमेंट और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। उनके अनुयायियों और दर्शनार्थियों का जमावड़ा शुरू हो गया है। धर्मशाला से रवाना होने से पहले, दलाई लामा ने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने भारत के प्रति अपनी गहरी भावनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, “भारत में सच्ची करुणा और आध्यात्मिक भाईचारा है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत और तिब्बत के लोगों के बीच प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य का पवित्र संबंध रहा है।” फरवरी में धर्मशाला लौटेंगे दलाई लामा के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस प्रवास के दौरान वे मुंडगोड और आसपास के अन्य तिब्बती सेटलमेंट में रहने वाले लोगों तथा भिक्षुओं को धार्मिक उपदेश देंगे। वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी शामिल हो सकते हैं। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा फरवरी महीने में अपनी दक्षिण भारत यात्रा संपन्न कर धर्मशाला लौटेंगे। उनकी वापसी की सटीक तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी।


