दवाई तो ले लेते हैं लेकिन बाद में खाने के लिए भूल जाते हैं: दीपक

भास्कर न्यूज | महासमुंद नगर के शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय व राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने फाइलेरिया जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी को फाइलेरिया के लक्षण व बचाव के बारे में बताया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के पधारे जिला प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर नरेंद्र चंद्राकर ने बताया की जिले में 10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया, (हाथी पांव) की गोली फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों व कॉलेजों में खिलाया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम प्रभारी एस आर बुडेक ने बताया कि फाइलेरिया की गोली डीईसी (डाइथाईलकार्बेमजीन) उम्र अनुसार 2 से 5 वर्ष को एक गोली, 6 से 14 वर्ष को दो गोली और 15 वर्ष से अधिक को तीन गोली के साथ ही एनडीडी कार्यक्रम के तहत एल्बेंडाजोल की 400 एमजी की गोली उम्र अनुसार 1 से 2 वर्ष को आधी गोली व 2 वर्ष से अधिक के सभी लोगों को एक गोली खिलाया जाना है। उपरोक्त दवाई को भोजन के बाद ही खाना है व 2 वर्ष से कम, गर्भवती महिलाओं व गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दवा नहीं खिलाना है व दवा खिलाए गए व्यक्तियों के बाएं हाथ की तर्जनी मार्कर पेन से निशान भी लगाया जाना है। इसी कड़ी में दीपक तिवारी जिला मलेरिया निरीक्षक ने बताया कि इस बार फाइलेरिया की दवाई आम नागरिकों को मितानिन व एनजीओ अपने सामने ही दवा खिलाएंगे क्योंकि पुराने अनुभव के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि व्यक्ति दवाई तो ले लेता है लेकिन बाद में खाने के लिए भूल जाता है इसके परिणाम से जिले में फाइलेरिया के पॉजिटिव केस मिला है। दवा खाने के बाद किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल टोल फ्री नंबर 108, 112 व नजदीक के स्वास्थ्य कर्मचारी से तत्काल संपर्क करने को कहा गया। इस मौके पर रेड क्रॉस इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर स्वेतलाना नागल, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई डॉक्टर सरस्वती वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे। इस संबंध में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी वी के सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर जो तालाबों व पोखर के साफ पानी में पाया जाता है जिसके 10 से अधिक बार काटने से यह बीमारी होता है। इस बीमारी में आदमी का पैर हाथी के पांव के समान दिखता है, जिससे व्यक्ति को अनेक सामाजिक और मानसिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। यदि हम साल में एक बार फाइलेरिया से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली का एक खुराक ले लेते हैं तो इस बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है।

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