टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां आज से दिल्ली (11 अगस्त) से भी खरीद सकेंगे। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी ने भारत में अपना दूसरा शोरूम खोल दिया है। नया टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर, एयरोसिटी वर्ल्डमार्क 3 बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर है। इससे पहले कंपनी ने 15 जुलाई को भारत में अपना पहला शोरूम मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मेकर मैक्सिटी मॉल में खोला था। टेस्ला के दिल्ली शोरूम की तस्वीरें… 8,200 स्क्वायर फीट में बना है दूसरा शोरूम एयरोसिटी वर्ल्डमार्क कॉम्प्लेक्स में टेस्ला का दूसरा शोरूम 8,200 स्क्वायर फीट में बना है, जो इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास है। ये इलाका दिल्ली का हाई-एंड बिजनेस और हॉस्पिटैलिटी हब है, जहां लग्जरी होटल्स, बड़ी कंपनियों के ऑफिस और हाई-प्रोफाइल रिटेल स्टोर्स हैं। टेस्ला का ये लोकेशन चुनना साफ दिखाता है कि वो अमीर और टेक-जागरूक ग्राहकों को टारगेट कर रहा है। एक महीने का किराया 17.22 लाख रुपए रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स के मुताबिक, टेस्ला इंडिया ने ये जगह ओक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से 9 साल के लिए ली है। पहले 36 महीने लॉक-इन पीरियड है। टेस्ला इस जगह के लिए शुरू में हर महीने 17.22 लाख रुपए किराया देगी, जो प्रति स्क्वायर फीट 210 रुपए बनता है। इसके अलावा, कॉमन एरिया मेंटेनेंस (CAM) चार्जेस भी देने होंगे, जो प्रति स्क्वायर फीट 33.5 रुपए महीना हैं। डील में 10 कार पार्किंग भी शामिल हैं, जिनका किराया हर महीने 6,000 रुपए प्रति पार्किंग है। टेस्ला ने 1.03 करोड़ रुपए रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट और 16.48 लाख रुपए रिफंडेबल CAM डिपॉजिट जमा किए हैं। किराया हर 36 महीने बाद 15% बढ़ेगा। सब-लीज मार्च 2025 से शुरू हो चुकी है जो मार्च 2034 तक रहेगी। इसमें 120 दिन का फिट-आउट पीरियड मिलेगा, इंटीरियर और ऑपरेशनल सेटअप के लिए किराया चुकाने का समय 13 जुलाई 2025 से शुरू हो गया है। एक्सपीरियंस सेंटर के तौर पर काम करेगा टेस्ला का शोरूम टेस्ला स्टोर लोगों के लिए एक एक्सपीरियंस सेंटर के तौर पर काम करेगा। यानी यहां न सिर्फ कंपनी की इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेची जाएंगी, बल्कि लोग टेस्ला की टेक्नोलॉजी और फीचर्स को भी करीब से देख सकेंगे। 2024 में आई भारत की नई EV पॉलिसी के मुताबिक, अगर टेस्ला 4,150 करोड़ रुपए निवेश करता है, तो इम्पोर्ट ड्यूटी 70% से घटकर 15% जाएगी। इससे भविष्य में कंपनी की कारों की कीमतें कम हो सकती हैं। कुछ समय पहले खबर आई थी कि टेस्ला गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में फैक्ट्री लगाने पर विचार कर रही है, लेकिन फिलहाल कंपनी भारत में सिर्फ इंपोर्टेड कारें बेचने पर ध्यान दे रही है। भारत में टेस्ला का पहला सुपर चार्जिंग स्टेशन शुरू कंपनी ने 4 अगस्त को मुंबई के कॉम्प्लेक्स में अपना पहला सुपर चार्जिंग स्टेशन भी शुरू कर दिया है। इसमें 4 V4 सुपरचार्जर (DC फास्ट चार्जर) और 4 डेस्टिनेशन चार्जर (AC चार्जर) हैं। सुपर चार्जर 250kW की रफ्तार से चार्ज करते हैं, ये सिर्फ 14 मिनट की चार्जिंग में लगभग 300 किलोमीटर की रेंज देगा। सुपर चार्जर की कीमत 24 रुपए प्रति kWh और डेस्टिनेशन चार्जर की कीमत 14 रुपए प्रति kWh है। टेस्ला कार के मालिक टेस्ला के एप के जरिए चार्जर खाली है कि नहीं ये चेक कर सकते हैं। इसके अलावा चार्जिंग की प्रोग्रेस देख सकते हैं और पेमेंट भी कर सकते हैं। टेस्ला का भारत में अभी 8 सुपर चार्जिंग स्टेशन खोलने का प्लान ये स्टेशन उन 8 सुपर चार्जिंग साइट्स में से पहला है, जिन्हें टेस्ला ने मुंबई में लॉन्च के दौरान अनाउंस किया था। ये 8 सुपर चार्जिंग दिल्ली और मुंबई में खोले जाएंगे। कंपनी का प्लान है कि पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी ऐसे स्टेशन खोले जाएंगे, ताकि पूरे देश में EV यूजर्स को आसानी हो। टेस्ला के भारत में आने से ऑटो मार्केट पर क्या असर होगा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है और EV की मांग यहां तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में टेस्ला का आना इस सेक्टर में एक नई क्रांति ला सकता है। शुरू में टेस्ला की ऊंची कीमत और इम्पोर्टेड ड्यूटी के कारण इसका असर प्रीमियम सेगमेंट तक सीमित रहेगा। मास-मार्केट ब्रांड्स टाटा, महिंद्रा जैसी कंपनियों पर तुरंत असर होने की उम्मीद कम है। टेस्ला के सामने 5 बड़ी चुनौती 1. हाई इम्पोर्ट ड्यूटी और कीमत: टेस्ला की गाड़ियां CBU (कम्प्लीट्ली बिल्ट यूनिट) के रूप में आयात होंगी। इन पर इम्पोर्ट ड्यूटी और GST लगने से कीमतें प्रीमियम सेगमेंट में पहुंच जाती हैं, जो मास-मार्केट ग्राहकों के लिए महंगी होंगी। इस सेगमेंट में सेल्स लिमिटेड हैं। 2. सीमित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में 8 सुपरचार्जिंग स्टेशन की योजना बनाई है। ग्रामीण और छोटे शहरों में चार्जिंग की कमी टेस्ला की ज्यादा रेंज का फायदा कम कर सकती है। 3. कस्टमर बिहेवियर: भारतीय ग्राहक सर्विस, लागत और रीसेल वैल्यू को प्राथमिकता देते हैं। यहां टेस्ला को अपनी विश्वसनीयता साबित करनी होगी। 4. सर्विस और डीलरशिप नेटवर्क: टेस्ला की डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर सेल्स मॉडल (ऑनलाइन बिक्री) भारत में नई है और इसका सर्विस नेटवर्क अभी सीमित है। BMW, मर्सिडीज, और टाटा जैसे ब्रांड्स का देशभर में मजबूत डीलर और सर्विस नेटवर्क टेस्ला के लिए चुनौती है। 5. लोकल मैन्युफैक्चरिंग में देरी: टेस्ला की गुजरात/कर्नाटक में प्रस्तावित गीगाफैक्ट्री 2026-2027 से पहले शुरू होने की संभावना कम है। तब तक ज्यादा कीमत वाली इम्पोर्टेड गाड़ियों पर निर्भर रहना होगा। ये खबर भी पढ़ें… टेस्ला की भारत में पहली कार लॉन्च: मॉडल Y के दो वैरिएंट, फुल चार्ज पर 500km और 622km की रेंज, कीमत ₹60 लाख से शुरू इलॉन मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला ने पहली इलेक्ट्रिक SUV मॉडल Y को भारत में लॉन्च कर दिया है। कंपनी का दावा है कि ये कार एक बार फुल चार्ज में 622 किलोमीटर तक चल सकती है। कार में सेफ्टी के लिए 8 एयरबैग के साथ लेवल-2 एडास जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इलेक्ट्रिक कार को भारत में दो वैरिएंट- रियर व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग रेंज रियर व्हील ड्राइव (RWD) में पेश किया गया है। इसकी RWD वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 60 लाख रुपए है। वहीं लॉन्ग रेंज वैरिएंट की कीमत 68 लाख रुपए है। जबकि, ग्लोबल मार्केट में ये कार ऑल व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ भी आती है। पूरी खबर पढ़ें…