भरतपुर कलेक्ट्रेट के बाहर आज दिव्यांगजनों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया। दिव्यांगजन कल से अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। अब दिव्यांगों ने चेतावनी दी है की अगर सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती तो, वह उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। दिव्यांगों का कहना है की सरकार ने बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ दिया लेकिन, बजट में दिव्यांगजनों के लिए कुछ नहीं किया। धरने पर बैठे संजय सिंह फौजदार हमारी मांग है की दिव्यांगों की जो समस्या है सरकार जल्द से जल्द सुने। हमारी पिछले 6 महीने से पेंशन नहीं आ रही है। जब अधिकारियों से बात की जाती है वह कहते हैं पेंशन का बिल बन चुका है। हमें स्कूटी वितरित की जाए। जो दिव्यांगजन पालनहार योजना से जुड़े हुए हैं उनकी भी अभी तक पेंशन नहीं आई है। हमारी 11 सूत्रीय मांगें हैं। 2016 के अधिनियम अभी तक धरातल पर लागू नहीं हुआ है। जिस तरह से बाकी राज्यों में दिव्यांगों को पेंशन दी जाती है वैसे ही राजस्थान में भी दिव्यांगों के लिए पेंशन दी जाए। दिव्यांगजन सहयोग समिति के अध्यक्ष हर गोविंद यादव ने कहा की, हमारे अनिश्चितकालीन धरने का दूसरा दिन है। हमने प्रदर्शन इसलिए किया है की सरकार तक हमारी बात पहुंचे। सरकार ने बजट में दिव्यांगों के लिए कोई घोषणा नहीं की है। समाज में एक कमजोर दिव्यांग वर्ग भी रहता है। इसलिए सरकार को इनके बारे में कुछ न कुछ सोचना चाहिए। दिव्यांगों की प्राथमिकता पेंशन की है।