मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा सोहनलाल पर ढाई किलो अफीम रखने का झूठा केस बनाने के मामले में एसपी विनोद मीणा ने हाई कोर्ट में गलती स्वीकारी। एसपी मीणा मंगलवार को स्पष्टीकरण देने हाई कोर्ट में हाजिर हुए थे। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ के समक्ष उन्होंने स्वीकारा कि थाने के स्टाफ ने और सादी वर्दी वाले कर्मियों ने पूरी कार्रवाई गलत की है। उन्होंने बताया कि बस को रोककर जबरन युवक को उतारा, फिर उसे थाने ले जाकर उस पर अफीम रखने का फर्जी केस बना दिया। विशेष बात यह रही कि एसपी ने जांच अधिकारी द्वारा कोर्ट में दिए बयान को भी गलत ठहराया। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। एफआईआर में यहां उलझा मामला, एसपी ने गलती मानी मल्हारगढ़ थाने में दर्ज केस में सोहनलाल की गिरफ्तारी क्षेत्र के बंडा खाल चौराहे के पास श्मशान होना बताया जब की मामला कोर्ट में पहुंचा तो आरोपी को वायडी थाना क्षेत्र में बस से पकड़ने की पुष्टि हुई। इसी तरह आरोपी को पकड़ने के 5 घंटे देरी से केस दर्ज होने पर कोर्ट ने सवाल उठाए, थाने की लिखापढ़ी की इन दोनों गड़बड़ी को एसपी ने पेशी में स्वीकार और पुलिस की गलती मानी। कोर्ट में माफी मांगते रहे एसपी 9 दिन पहले श्रेष्ठ थाना घोषित मल्हारगढ़ पुलिस थाने को श्रेष्ठ थानों की रैंकिंग में देश के 9वें स्थान पर चुना गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 70 मानदंडों के आधार पर यह रैंकिंग तय होती है। 28 नवंबर 2025 को रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषित की।


