देश में पुलिसकर्मियों की कमी है। डिपार्टमेंट में 23% पद खाली हैं। इसका नतीजा यह है कि 2023 में एक लाख लोगों सिर्फ 155 पुलिसकर्मी थे, जबकि यह संख्या 197 होनी चाहिए। इतना ही नहीं 17% थानों में एक भी CCTV कैमरा नहीं है जबकि हर थाने में 12-13 कैमरे होने चाहिए। वहीं, 83% थानों में कैमरे तो हैं लेकिन इनमें ऐसे थाने भी शामिल हैं जहां सिर्फ एक CCTV कैमरा है। देश की पुलिस फोर्स में 17% अनुसूचित जाति (SC), 12% अनुसूचित जनजाति (ST) और 31% अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025 से यह जानकारी सामने आया है। रिपोर्ट में पुलिस, जेल और अदालतों पर राज्यों की रैंकिंग और आंकड़े जारी किए गए हैं। ओवरऑल रैंकिंग में कर्नाटक पहले जबकि पश्चिम बंगाल आखिरी पायदान पर है। 22% थानों में वुमन हेल्प डेस्क नहीं 10 लाख लोगों पर सिर्फ 16 जज, 4 साल में केस 20% बढ़े
देश में 2020 से 2024 के बीच अदालतों में पेंडिंग केस 20% बढ़ गए। चिंता की बात ये है कि इस दौरान हाईकोर्ट में 33% और जिला अदालतों में जजों के 21% पद खाली रहे। कोर्ट स्टाफ के भी 27% पद खाली हैं। जनवरी, 2025 तक हाईकोर्ट और जिला अदालतों में 5 करोड़ केस लंबित थे। इनमें से 12% मामले 10 साल से ज्यादा समय से अटके हैं। 82 हजार केस सुप्रीम कोर्ट में भी पेंडिंग हैं। देश में 18.7 लाख की आबादी पर हाईकोर्ट में सिर्फ जज है। जबकि ओवरऑल प्रति 10 लाख लोगों पर 16 जज ही हैं जबकि यह संख्या 50 होनी चाहिए। 2018 से हाईकोर्ट में 698 जज नियुक्त हुए। इनमें 22 SC, 15 ST, 87 OBC और 37 अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। देश की ओवरऑल अदालतों में 37% महिला जज हैं। हाईकोर्ट में 14% और निचली अदालतों में 38% महिला जज हैं। 10 साल में 49% बढ़ गए हैं कैदी जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी भरे, 76% अंडरट्रायल
रिपोर्ट बताती है कि जेलों में कैदियों की भीड़ बढ़ रही है। 100 की क्षमता वाली जेल में औसतन 131 कैदी भरे हैं। 2012 में यह आंकड़ा 112 था। 55% जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं। इसके बावजूद जेलकर्मियों के 30% पद खाली पड़े हैं। हालात इसलिए भी खराब हैं, क्योंकि 76% कैदी अंडरट्रायल हैं। 2012 में यह आंकड़ा 66% था। हर चार में से एक अंडरट्रायल कैदी ने एक से तीन साल जेल में गुजारे हैं। 18 बड़े राज्यों की सूची में सबसे बेहतर जेलें तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थिति सबसे बदतर है। आंध्र प्रदेश हर कैदी पर 733 रुपए खर्च करता है। वहीं, महाराष्ट्र केवल 47 रुपए ही खर्च करता है। देश में हर कैदी पर रोजाना औसतन 121 रुपए खर्च हो रहे। 2012 में 62 रुपए ही था। ————————————————————- रिपोर्ट्स से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी, ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली भारतीय सेना में एक लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी दी है। इस समय सेना की कुल संख्या 12.48 लाख है, जबकि एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं। इनमें से 92,410 पद जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और नॉन-कमीशंड ऑफिसर (NCO) के हैं। पूरी खबर पढ़ें…