धनबाद स्थित बलियापुर थाना क्षेत्र के आसनबनी गांव में शुक्रवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा कथित रूप से बिना मुआवजा दिए जमीन पर काम शुरू करने को लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया। इस पर भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी भी चटकाई। कई ग्रामीणों को पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया है। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं। स्थानीय ग्रामीण अमित महतो ने आरोप लगाया कि सेल कंपनी जबरन जमीन का अधिग्रहण कर रही है। जबकि हम लोग 2017 से विरोध कर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। रोजगार और उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा, अपनी जमीन नहीं देंगे: ग्रामीण अमित महतो ने कहा- जिला प्रशासन द्वारा की गई आज की कार्रवाई में मकान तोड़ दिया गया, कोचिंग सेंटर उजाड़ दिया गया, कई ग्रामीणों पर लाठी चलाई गई। जबकि हमने डीसी समेत सभी संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक रोजगार और उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा, वे अपनी जमीन नहीं देंगे। कार्य वैधानिक प्रक्रिया और अधिग्रहण अधिनियम के तहत किए जा रहे: सीओ इधर, बलियापुर अंचल अधिकारी (सीओ) प्रवीण कुमार ने बताया कि झरिया अंचल स्थित सेल का टासरा प्रोजेक्ट है। उसके रिहैबिलिटेशन के लिए आसनबनी गांव में भू अधिग्रहण के तहत जमीनें ली गई हैं।.उसी जमीन का आज सीमांकन किया जा रहा था। सीओ के अनुसार, जमीन लगभग 41 एकड़ है। इसके लिए 60 करोड़ रुपए कि अवार्ड घोषित हुई है। इसमें कुल 379 रैयत थे, जिसमें 350 रैयतों को भुगतान किया जा चुका है। कुछ रैयतों का भुगतान शेष है, जिन्हें जब चाहें भुगतान मिल सकता है। उन्हीं में से कुछ रैयत आज विरोध कर रहे थे, जिन्हें समझाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी कार्य वैधानिक प्रक्रिया और अधिग्रहण अधिनियम के तहत किए जा रहे हैं।